बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर आज 'सुप्रीम' सुनवाई, चुनाव आयोग के फैसले को विपक्षी दलों ने दी है चुनौती; उठाए ये बड़े सवाल
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई हैं। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस (ADR) ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है जिसके बाद आरजेडी और कांग्रेस सहित कई दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसे लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गई है। इस बीच चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है।
9 जुलाई विपक्षी पार्टियों के बड़े-बड़े नेता भी सड़क पर उतरे और चक्का जाम किया। इस विरोध प्रदर्शन में तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और दीपांकर भट्टाचार्य जैसे शीर्ष नेता भी शामिल हुए।
आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के बाद अब लीगल बैटल की बारी है। वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है और आज सर्वोच्च न्यायालय में इस पुनरीक्षण देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होने वाल है।
बता दें, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफर्मस (ADR) ने चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देते हुए 5 जुलाई को याचिका दायर की थी। ADR के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस समेत 9 राजनीतिक पार्टियों ने भी सर्वोच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती दी है।
विपक्षी दलों और ADR की ओर से दायर की गई याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। इन याचिकाओं में 5 बड़े सवाल उठाए गए हैं। आईए जानते हैं, क्या-क्या हैं सवाल...
पांच बड़े सवाल
पहला सवाल:- संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघनविपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि चुनाव आयोग का यह फैसला जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 और रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल 1960 के नियम 21A के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 का भी उल्लंघन है।