अमेरिका के साथ भारत ने 'रेड लाइन' की तय, ट्रंप के सामने नहीं झुकेगा नया हिंदुस्तान! केंद्रीय मंत्री ने कर दिया साफ
पिछले 48 घंटों में मोदी सरकार को राजनीतिक और कूटनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले और विपक्ष के आरोपों के बावजूद भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों छोटे कारोबारियों और राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ किया कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया।

पिछले 48 घंटों में मोदी सरकार के सामने कई बड़े राजनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे सामने आए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले से भारत को घेरने की कोशिश की, जबकि विपक्ष इसे 'झुकने' के तौर पर पेश किया।
हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वह न तो अपने किसानों न छोटे कारोबारियों और न ही राष्ट्रीय हित से कोई समझौता करेगा। बता दें, हाल ही में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया था।
पीएम मोदी का साफ संदेश
ट्रंप के इस बयान के बाद विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि सत्ता पक्ष अमेरिका के दबाव में झुक गया। लेकिन, भारत ने इसे खारिज कर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत की कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं किया।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप और पीएम मोदी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी। इस पूरे विवाद के बीच मोदी सरकार ने ट्रंप के व्यापारिक दबावों को भी ठुकरा दिया है।
अमेरिका को भारत का जवाब
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा था कि कई देश अमेरिका को टैरिफ में छूट देकर अमेरिका को खुश कर रहे हैं, लेकिन भारत उन देशों में नहीं है। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपने किसानों, डेयरी सेक्टर और छोटे कारोबारियों के हित से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत ने बातचीत में अपनी ‘रेड लाइन’ तय की थी और उसी पर अडिग है।
किसे मिलेगी राहत?
सरकार का यह सख्त कदम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े संगठनों को भी राहत देगा। इन संगठनों में भारतीय किसान संघ (BKS), स्वदेशी जागरण मंच (SJM) और छोटे व्यापारियों के संगठन शामिल हैं।