अल उदैद एअरबेस पर ईरान का हमला कैसे हुआ नाकाम? जानें कतर ने कैसे की अमेरिका की मदद

 अल उदैद एअरबेस पर ईरान का हमला कैसे हुआ नाकाम? जानें कतर ने कैसे की अमेरिका की मदद


डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। कतर ने 23 जून को अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान द्वारा दागी गई मिसाइलों को नष्ट कर दिया। यह हमला अमेरिकी कार्रवाई के बाद हुआ। कतर की निगरानी प्रणाली ने मिसाइलों का पता लगाया और अमेरिकी बलों के साथ मिलकर कार्रवाई की। कुल 19 मिसाइलें दागी गईं जिनमें से अधिकांश को नष्ट कर दिया गया।

अल उदैद एअरबेस पर ईरान का हमला कैसे हुआ नाकाम (फाइल फोटो)

HIGHLIGHTSअमेरिकी एअरबेस पर ईरान का हमला नाकाम
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया था हमला

23 जून को कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल उदैद एअरबेस पर ईरान द्वारा दागी गई मिसाइलों को कतर ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद हुआ और इसे ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।



हालांकि हमले का पैमाना बड़ा था, लेकिन कतर और अमेरिका की त्वरित और समन्वित कार्रवाई के चलते जान-माल का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। 159 अमेरिकी और कतर सैनिकों की सतर्कता से भारी तबाही टाल दी गई।


कतर की अगुवाई में हुआ अभियानसीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, शाम 7 बजे कतर की सैन्य निगरानी प्रणाली ने ईरान से दागे गए मिसाइलों का पता लगाया, जो अल उदैद एयरबेस की ओर बढ़ रहे थे। ब्रिगेडियर जनरल जासिम अल अंसारी के अनुसार, यह ऑपरेशन कतर की अगुवाई में हुआ, लेकिन अमेरिकी बलों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया गया।

300 कतर सैनिकों को तुरंत सक्रिय किया गया और दो अलग-अलग जगहों पर पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए। कतर के अनुसार, कुल 19 मिसाइलें दागी गईं, 7 मिसाइलें फारस की खाड़ी के ऊपर और 11 मिसाइलें दोहा शहर के ऊपर ही नष्ट कर दी गईं। सिर्फ एक मिसाइल एअरबेस के एक खाली हिस्से में गिरी, जिससे मामूली नुकसान हुआ।


कतर ने जताई नाराज़गीईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराज़ी ने कहा कि हमला इस तरह से किया गया कि किसी नागरिक को नुकसान न हो। साथ ही ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि यह हमला “कतर जैसे मित्र देश के लिए खतरा नहीं था।”

लेकिन कतर के सैन्य अधिकारी अल अंसारी ने इन दावों को खारिज कर दिया। “हम कभी भी अपने लोगों की जान जोखिम में नहीं डालेंगे किसी राजनीतिक फायदे के लिए। यह हमला हमारे लिए भी चौंकाने वाला था।"

इस हमले के बाद कतर ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और सख्त शब्दों में इसकी निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बहुत कमजोर प्रतिक्रिया करार दिया।


परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान का जवाबइस हमले से एक दिन पहले, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों (जैसे फोर्दो) पर सटीक बमबारी की थी। सैटेलाइट तस्वीरों में इन ठिकानों को नुकसान होता दिखा। हालांकि ईरान ने दावा किया कि उसने पहले ही महत्वपूर्ण परमाणु सामग्री वहां से हटा ली थी।



ईरान की ओर से मिसाइलों की संख्या उतने ही बमों के बराबर रखी गई जो अमेरिका ने गिराए थे। विश्लेषकों के मुताबिक, यह हमला ईरान का एक प्रतीकात्मक जवाब था, जो अमेरिका को सीधा टकराव दिए बिना संदेश देना चाहता था।

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