देशभर में राहत के साथ-साथ आफत लेकर पहुंचा मानसून, उत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट; मैदान से पहाड़ तक हाहाकार

 देशभर में राहत के साथ-साथ आफत लेकर पहुंचा मानसून, उत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट; मैदान से पहाड़ तक हाहाकार


दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले पहुंचने से किसानों को राहत मिली है पर कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू और सोलन में भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ है और ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। झारखंड उत्तर प्रदेश राजस्थान और ओडिशा में भी भारी बारिश से हालत खराब हैं।

भारत में समय से पहले मानसून भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा (फाइल फोटो)

HIGHLIGHTSमनाली में ब्यास नदी ने बदला अपना रास्ता
झारखंड के जमशेदपुर और रामगढ़ में भारी बारिश

इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने देशभर में समय से पहले दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि मानसून पूरे भारत में 8 जुलाई की सामान्य तारीख से 9 दिन पहले ही पहुंच गया है।



जहां एक ओर यह किसानों के लिए राहत की खबर है, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में भारी बारिश (Weather Update Today) ने बाढ़ और भूस्खलन जैसे खतरे बढ़ा दिए हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पहाड़ से मैदान तक बारिश की मार देखने को मिल रही है।



हिमाचल में मानसून का कहरहिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की खबरें आने लगी हैं। कुल्लू में 25 जून को बादल फटने की घटना के बाद फिर से सोलन जिले में भारी बारिश के कारण शिमला-कालका रेललाइन बाधित हुई है। भूस्खलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी यातायात रुका हुआ है। मंडी जिले में ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है।

लारजी डैम की फ्लशिंग के कारण पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए गए हैं। डैम में 44,000 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड आ रहा है और उतनी ही मात्रा में छोड़ा जा रहा है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी है।


ब्यास नदी ने फिर बदला रास्तामनाली में दो साल पहले आई बाढ़ की डरावनी यादें फिर ताज़ा हो गई हैं। व्यास नदी भारी बारिश के कारण अपना रास्ता बदल रही है, जिससे किनारे बसे घरों और दुकानों को खतरा हो गया है। अब तक बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं में हिमाचल में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।


मौसम विभाग ने हिमाचल के 10 जिलों — बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना — में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी है। 1 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।


मैदानी राज्यों में भी आफतझारखंड के जमशेदपुर और रामगढ़ में भारी बारिश से हालत बिगड़ गए हैं। रजरप्पा मंदिर के पास भैरवी नदी के तेज बहाव में एक युवक की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी उफान पर है, और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।


राजस्थान के पाली और ओडिशा के मयूरभंज जिले में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बुधबलंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में चिंता बढ़ गई है।


उत्तराखंड में रेड अलर्टउत्तराखंड में मौसम विभाग ने भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गई है। बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में रोका गया है, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वालों को विकासनगर और बड़कोट में रोक दिया गया है।


उत्तरकाशी में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से होटल के निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ, जिससे 9 मजदूर मलबे में दब गए। अब तक दो शव बरामद हुए हैं और सात की तलाश जारी है। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे भी भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं।


लोगों को सतर्क रहने की सलाह
उत्तर भारत में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग ने निचले और संवेदनशील इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बताया है। हिमाचल, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों के प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

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