क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

 क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'


Israel-Iran conflict पश्चिमी एशिया में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने तेहरान के लोगों को शहर खाली करने की सलाह दी है। ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


 दुनिया भर की निगाहें एक बार फिर पश्चिमी एशिया पर टिकी हैं। इसके इलाके में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट किए। ट्रंप ने अपने पोस्ट में तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस ने ऐलान किया कि ट्रंप जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर "कई अहम मामलों" पर ध्यान देने के लिए रवाना हो रहे हैं।

ट्रंप ने अपने बयानों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है। उनके इस रुख ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह तनाव युद्ध की ओर बढ़ सकता है।





'ईरान को डील साइन कर लेनी चाहिए थी'ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "ईरान को वो 'डील' साइन कर लेनी चाहिए थी, जो मैंने उनसे कहा था। इंसानी जिंदगियों का नुकसान का अफसोस है। मैं साफ-साफ कहता हूं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। मैंने बार-बार यही कहा है। सबको तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"



उनके इस बयान ने न सिर्फ ईरान, बल्कि वैश्विक नेताओं के बीच भी खलबली मचा दी है। ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है, जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।




ईरान और अमेरिका के बीच किस डील की बात कर रहे हैं ट्रंप?साल 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ चल रहे ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (GCPOA) से हाथ खींच लिया था। इस डील के तहत ये तय था कि ईरान सैन्य मकसद के लिए परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा।

हालांकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि वह नागरिक हितों के लिए परमाणु कार्यक्रम चला रहा है। लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस बात कर संदेह है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। इसी शक के आधार पर अमेरिका ने ईरान के साथ ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन तोड़ दिया था। इसके साथ ही ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए।




क्या ईरान ने हासिल कर ली परमाणु हथियार की क्षमता?बता दें ईरान ने यूरेनियम संवर्धन के लिए हजारों अपडेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीनें विकसित की हैं और इसके संयंत्र स्थापित किए हैं। जेसीपीओए के तहत, ईरान को केवल 300 किलोग्राम यूरेनियम रखने की इजाजत थी। जानकारी हो कि परमाणु हथियारों के लिए 90% शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम की दरकार होती है।

अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (International Atomic Energy Agency) ने कहा कि मार्च 2025 तक ईरान के पास क़रीब 275 किलोग्राम यूरेनियम था जिसे 60% तक शुद्ध किया गया है। IAEA ने कहा था कि अगर ईरान यूरेनियम को थोड़ा और शुद्ध कर लेगा तो वह करीब आधा दर्जन परमाणु हथियार बनाने के काबिल हो जाएगा। इसी संदेह में अमेरिका और इजरायल ईरान पर हमलावर हैं।

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