11A का चमत्कार, अकेला बचा एक शख्स, ड्रीमलाइनर में कहां होती ये सीट; जानें सब कुछ

 11A का चमत्कार, अकेला बचा एक शख्स, ड्रीमलाइनर में कहां होती ये सीट; जानें सब कुछ


Ahmedabad Air India Plane Crash अहमदाबाद से लंदन जा रहा एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई जबकि विश्वास कुमार रमेश नामक एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया। रमेश बिजनेस क्लास में सीट नंबर 11A पर बैठे थे। इस घटना के बाद सीट नंबर 11A चर्चा का विषय बन गया है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में जिंदा बचा एक शख्स (फाइल फोटो)


Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान में बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर शामिल था। ये विमान उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही क्रैश हो गया, इस विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 लोगों की मौत हो गई। केवल


एक ही यात्री जीवित बचा जिंदा बचे शख्स का नाम विश्वास कुमार रमेश है। इस भयावह घटना में इस एक यात्री का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बता दें कि ये यात्री बिजनेस क्लास में सफर कर रहा था और सीट नंबर 11A पर बैठा था।


सीट नंबर 11A पर बैठा यात्री बचावह अपने भाई के साथ लंदन जा रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में रमेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। इस हादसे के बाद से लोग 11 A सीट की बात कर रहे हैं, लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं क्या 11 नंबर लकी है।


अब बात करते हैं, 11 A सीट की। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में, सीट 11A आमतौर पर इकोनॉमी क्लास केबिन के सामने, आगे की ओर खिड़की के पास स्थित होती है।

इकोनॉमी क्लास की पहली लाइन में विंडो सीट 11 A होती है, जिसपर बैठे व्यक्ति की जान इस हादसे में बच गई है। यह एक खिड़की वाली सीट होती है जो एयरलाइन की संरचना के आधार पर आमतौर पर इकोनॉमी क्लास की पहली या दूसरी सीट का हिस्सा होती है।


बिल्डिंग से टकराया विमान

गैटविक एयरपोर्ट जाने वाली फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सवार थे। उड़ान भरने के एक मिनट से भी कम समय बाद विमान 2.5 किमी दूर बीजे मेडिकल एंड सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग से जा टकराया। इस बिल्डिंग में 50 से ज्यादा डॉक्टर्स मौजूद थे।


कहां होती 11A सीट?इनमें से कई लोग घायल तो कई की मौत हो गई है। सीट 11A दरवाजे के ठीक पीछे है, जो संकट की स्थिति में आपातकालीन निकास के रूप में काम आती है।

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