सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्टों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए चिकित्सा सुविधाओं और अन्य भत्तों के संबंध में आदेशों का पालन न करने के लिए दिल्ली छत्तीसगढ़ झारखंड महाराष्ट्र तेलंगाना और बंगाल के मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने कहा मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्टों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए चिकित्सा सुविधाओं और अन्य भत्तों के संबंध में आदेशों का पालन न करने के लिए दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना और बंगाल के मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी किया।
जस्टिस अभय एस ओका की पीठ कर रही सुनवाई
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि इन राज्यों ने 18 फरवरी को जारी निर्देशों का पालन नहीं किया है। पीठ ने स्पष्ट किया- ''छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बंगाल और दिल्ली ने इस न्यायालय द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन नहीं किया है।
मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी
उपरोक्त राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया जाए, जिसमें उनसे यह बताने के लिए कहा जाए कि अदालत की अवमानना के तहत इन राज्यों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।''
मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं
मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते कि एक जिम्मेदार आइएएस अधिकारी व्यक्तिगत या वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।
यह मामला सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएस डेव द्वारा दायर अवमानना याचिका से संबंधित है जो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के संघ के अध्यक्ष हैं। यह याचिका 2015 से लंबित है क्योंकि कई राज्यों ने न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद एक समान चिकित्सा सुविधाएं लागू नहीं की हैं।
इलाहाबाद में वायुसेना स्कूल संविधान के तहत 'राज्य' नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि इलाहाबाद के बमरौली स्थित वायुसेना स्कूल राज्य नियंत्रित नहीं है और इसके संविदा कर्मचारियों की सेवाएं नियमित नहीं की जा सकती है।
तीन न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व करते हुए जस्टिस अभय एस ओका ने 2:1 के बहुमत से दिए फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले को बरकरार रखा कि अनुच्छेद 12 के अर्थ में स्कूल नहीं है।
सरकारी नियंत्रण के अधीन अन्य निकाय
अनुच्छेद 12 अनिवार्य रूप से यह रेखांकित करता है कि इन अधिकारों की गारंटी के उद्देश्य से किन संस्थाओं को माना जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय प्राधिकरण तथा सरकारी नियंत्रण के अधीन अन्य निकाय शामिल हैं।