नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी RJD, मुस्लिम संगठन देशभर में करेंगे विरोध प्रदर्शन

 नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी RJD, मुस्लिम संगठन देशभर में करेंगे विरोध प्रदर्शन


ये याचिका पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद मनोज झा और पार्टी नेता फैयाज अहमद लगाएंगे। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। नए वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिका दाखिल हो चुकी हैं। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी RJD

 राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नए वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए आज याचिका दायर करेगा। ये याचिका पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद मनोज झा और पार्टी नेता फैयाज अहमद लगाएंगे। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। नए वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिका दाखिल हो चुकी हैं।


वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि वो वक्फ कानून में बताए गए प्रावधानों को कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि ये कानून संविधान का हनन करने वाला है और ये देश के सौहार्द को भी पूरी तरह से खत्म कर देगा।

इसके बाद अलग-अलग संगठनों की ओर से भी अर्जियां लगाई जाएंगी। उन्होंने संसद से पारित वक्फ संशोधन बिल को असंवैधानिक और सौहार्द के खिलाफ करार दिया।

कब होगी सुनवाई?

बता दें कि लोकसभा एवं राज्यसभा से पास होने के बाद अब वक्फ बिल को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद इसे कानून का दर्जा हासिल हो गया है।

आरजेडी सासंद मनोज झा ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वक्फ संशोधन कानून संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है। यह सौहार्द को खराब करने की साजिश है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करेगा। इस को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा मंजूरी दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो सरकार की प्रक्रिया है। हम वो कर रहे हैं जो हमारा अधिकार है।


केंद्र सरकार जारी करेगा नोटिफिकेशन

अब नए कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था।

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