आर्थिक मोर्चे पर पश्चिमी और दक्षिण भारत का जलवा, महाराष्ट्र-गुजरात-कर्नाटक सबसे आगे; बिहार-झारखंड-एमपी फिसड्डी

 आर्थिक मोर्चे पर पश्चिमी और दक्षिण भारत का जलवा, महाराष्ट्र-गुजरात-कर्नाटक सबसे आगे; बिहार-झारखंड-एमपी फिसड्डी


पश्चिमी और दक्षिणी भारत के राज्य आर्थिक मोर्चे पर लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र गुजरात और कर्नाटक सबसे आगे हैं जबकि बिहार झारखंड और मध्य प्रदेश सबसे पीछे हैं। केयरएज रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। राजकोषीय प्रबंधन में ओडिसा पूरे देश में शीर्ष पर है।

केयरएज रेटिंग एजेंसी ने आर्थिक, समाजिक व राजकोषीय मानदंडों पर जारी की रिपोर्ट। (फाइल फोटो)

HIGHLIGHTSआर्थिक प्रदर्शन के आधार पर केयरएज रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट
राजकोषीय प्रबंधन में शीर्ष पर ओडिसा।
सुधार के बावजूद उत्तर भारत के बीमारू राज्यों को तय करनी है लंबी दूरी
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर प्रदर्शन के मामले में पश्चिमी और दक्षिण क्षेत्र के राज्यों का प्रदर्शन लगातार बेहतर बना हुआ है। जबकि, उत्तर भारत के पारंपरिक तौर पर घोषित बीमारू राज्यों की स्थिति पहले से सुधरी है लेकिन तेजी से आर्थिक, समाजिक, वित्तीय विकास कर रहे राज्यों की तुलना में नाकाफी है।


अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक व समाजिक विकास में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्य बहुत आगे होंगे।


महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक का प्रदर्शन सबसे अच्छाकेयरएज रेटिंग एजेंसी की तरफ से मंगलवार को जारी रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक, समाजिक व राजकोषीय मानदंडों पर अभी महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक का प्रदर्शन सबसे अच्छा है जबकि इस रिपोर्ट में बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश को नीचे से तीन स्थान दिए गए हैं।

इन तीन राज्यों से एक पायदान ऊपर उत्तर प्रदेश है। ये राज्यों शीर्ष के पांच-छह राज्यों को किसी भी तरह से प्रतिस्पर्द्धा देने की स्थिति में नहीं है। हां, इस बात के संकेत है कि आने वाले समय में गुजरात जरूरत महाराष्ट्र को जरूर पीछे छोड़ कर नंबर वन स्थिति हासिल कर लेगा।




गोवा के प्रदर्शन में सुधार

केयरएज के मुताबिक पश्चिमी क्षेत्र के राज्य राजकोषीय, आर्थिक व वित्तीय मानकों में सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि दक्षिणी राज्यों ने आर्थिक, पर्यावरण, सरकारी प्रशासन के क्षेत्र में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते दिखे हैं। पूर्वोत्तर, पहाड़ी व छोटे राज्यों का एक अलग समूह बनाया गया है जिसमें गोवा का प्रदर्शन सबसे बेहतर माना गया है।

अगर समग्र तौर पर देखा जाए तो 17 प्रमुख राज्यों की सूची के शीर्ष में 10 राज्यों में सिर्फ हरियाणा और पंजाब है। हरियाणा छठे स्थान पर है जबकि पंजाब 10वें स्थान पर। इन दोनों राज्यों ने बेहतर ढांचागत क्षेत्र, बेहतर रेल नेटवर्क और अच्छी सिंचाई व्यवस्था होने की वजह से शीर्ष दस राज्यों में स्थान बनाया है।

राजकोषीय प्रबंधन में शीर्ष पर ओडिसा ओडिसा को नौवां स्थान दिया गया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ओडिसा ने राजकोषीय प्रबंधन में देश में सबसे बेहतर काम किया है। लिहाजा ना सिर्फ उसका राजकोषीय घाटा बहुत ही कम हो गया है बल्कि राज्य के कुल राज्य में राजस्व और कर्ज चुकाने के बीच का अनुपात बहुत ही बेहतर हुआ है।

यानी राज्य के कुल राजस्व का कम हिस्सा कर्ज चुकाने में जा रहा है। केयरएज रेटिंग्स की प्रमुख अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा का कहना है कि दूसरे सभी राज्यों को ओडीसा से सीखने की जरूरत है।

केयरएज रेटिंग्स की यह दूसरी रिपोर्ट है। पहली रिपोर्ट वर्ष 20023 में जारी की गई थी।
पहली रिपोर्ट में महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु का पहला तीन स्थान दिया गया था, इस बार तीसरा स्थान कर्नाटक का है।
तमिलनाडु पांचवें स्थान पर चला गया है। तेलंगाना चौथे स्थान पर है।
विगत रिपोर्ट में मध्य प्रदश 13वें स्थान पर था जो अब 15वें स्थान पर आ गया है।
उत्तर प्रदेश ने एक स्थान का सुधार किया है और अब यह 14वें स्थान पर आ गया है।
झारखंड और बिहार की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और ये क्रमश: 16 व 17वें स्थान पर है।
बिहार की आर्थिक विकास की दर तेज हुई वैसे बिहार की आर्थिक विकास की दर तेज हुई है जिसके बारे में कहा गया है कि बहुत ही कम आधार (बेस) होने की वजह से विकास दर तेज हो रही है। केयरएज ने राज्यों की रेटिंग के लिए सात प्रमुख आधार बनाये हैं और इनकी रैंकिंग के लिए 50 अलग-अलग मानकों का इस्तेमाल किया है।

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