ममता से नहीं संभल रहा बंगाल...', मिथुन के बाद दिलीप घोष ने उठाई राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई है। उनका कहना है कि ममता बनर्जी अब तक की बंगाल की सबसे खराब मुख्यमंत्री हैं। हिंसा पर काबू पाने के लिए उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पुलिस दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद से ममता सरकार लगातार सवालों के कठघरे में है। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में ममता बनर्जी सबसे खराब सीएम हैं। ममता के नेतृत्व में राज्य को कई मुसीबतें उठानी पड़ी हैं। साथ ही उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के बयान का भी समर्थन किया है।
दिलीप घोष का कहना है कि वो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली मिथुन चक्रवर्ती की बात से पूरी तरह सहमत हैं। राज्य में कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। ऐसे में जनता की सुरक्षा के लिए सेना तैनात करने की सख्त जरूरत है।
ममता पर बोला हमला
सामाचर एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान दिलीप घोष ने कहा कि "अगर पश्चिम बंगाल में ऐसे ही हिंसा होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए कई लोग यह महसूस कर रहे हैं कि ममता बंगाल को संभालने में विफल हो गई हैं।"
राष्ट्रपति शासन पर तोड़ी चुप्पी
दिलीप घोष के अनुसार "राष्ट्रपति शासन के बिना न सिर्फ लोगों की जमीन खतरे में है बल्कि उनकी जान का संकट भी बढ़ता जा रहा है। ममता के राज में बंगाल में कुछ नहीं बदलेगा। ममता बनर्जी अपने गुंडों और हथियारों के दम पर चुनाव जीतना चाहती हैं। उनका यह रवैया भविष्य में बेहद खतरनाक साबित होगा।"
ममता पर साधा निशाना
दिलीप घोष ने कहा कि "ममता बनर्जी किसी भी घटना की जिम्मेदारी नहीं लेती हैं बल्कि इनके लिए दूसरों को दोषी ठहरा देती हैं। उन्होंने कहा कि वो कोई काम नहीं करती हैं। उनसे कुछ संभलता नहीं है। जब परिस्थितियां बिगड़ने लगती हैं तो वो दूसरों को दोष देना शुरू कर देती हैं। वो अब तक की सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री हैं। उनके कार्यकाल में राज्य ने काफी कुछ झेला है।"
बंगाल सरकार पर उठाए सवाल
दिलीप घोष का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। बेघर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कुछ नहीं किया। प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया को जाने की अनुमति नहीं है। आखिर क्यों? पुलिस दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? जहां भी हिंसा होती है, पुलिस वहां क्यों नजर नहीं आती है? पुलिस राज्य सरकार के अंतर्गत काम कर रही है।
दिलीप घोष का कहना है कि वो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली मिथुन चक्रवर्ती की बात से पूरी तरह सहमत हैं। राज्य में कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। ऐसे में जनता की सुरक्षा के लिए सेना तैनात करने की सख्त जरूरत है।
ममता पर बोला हमला
सामाचर एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान दिलीप घोष ने कहा कि "अगर पश्चिम बंगाल में ऐसे ही हिंसा होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए कई लोग यह महसूस कर रहे हैं कि ममता बंगाल को संभालने में विफल हो गई हैं।"
राष्ट्रपति शासन पर तोड़ी चुप्पी
दिलीप घोष के अनुसार "राष्ट्रपति शासन के बिना न सिर्फ लोगों की जमीन खतरे में है बल्कि उनकी जान का संकट भी बढ़ता जा रहा है। ममता के राज में बंगाल में कुछ नहीं बदलेगा। ममता बनर्जी अपने गुंडों और हथियारों के दम पर चुनाव जीतना चाहती हैं। उनका यह रवैया भविष्य में बेहद खतरनाक साबित होगा।"
ममता पर साधा निशाना
दिलीप घोष ने कहा कि "ममता बनर्जी किसी भी घटना की जिम्मेदारी नहीं लेती हैं बल्कि इनके लिए दूसरों को दोषी ठहरा देती हैं। उन्होंने कहा कि वो कोई काम नहीं करती हैं। उनसे कुछ संभलता नहीं है। जब परिस्थितियां बिगड़ने लगती हैं तो वो दूसरों को दोष देना शुरू कर देती हैं। वो अब तक की सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री हैं। उनके कार्यकाल में राज्य ने काफी कुछ झेला है।"
बंगाल सरकार पर उठाए सवाल
दिलीप घोष का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। बेघर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कुछ नहीं किया। प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया को जाने की अनुमति नहीं है। आखिर क्यों? पुलिस दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? जहां भी हिंसा होती है, पुलिस वहां क्यों नजर नहीं आती है? पुलिस राज्य सरकार के अंतर्गत काम कर रही है।