टैरिफ किंग डोनाल्ड ट्रंप का एक और बड़ा धमाका, कहा- जल्द ही दवाओं पर भी लगाएंगे भारी भरकम शुल्क

 टैरिफ किंग डोनाल्ड ट्रंप का एक और बड़ा धमाका, कहा- जल्द ही दवाओं पर भी लगाएंगे भारी भरकम शुल्क


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हर तरफ टैरिफ ही टैरिफ दिख रहा है। अब उन्होंने फार्मास्युटिकल सेक्टर पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप का कहना है कि जल्द अमेरिका इस संबंध में एक आदेश जारी करेगा। अगर अमेरिका दवाओं के आयात पर टैरिफ लगाता है तो इसका खामियाजा वहां की जनता को भुगतना पड़ेगा। भारत जैसे देशों से आने वाली सस्ती दवाएं महंगी हो जाएंगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। ( फोटो- रॉयटर्स )

अमेरिका के राष्ट्रपति और टैरिफ किंग डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा धमाका किया है। दुनियाभर के 180 से अधिक देशों पर 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने अब एलान किया है कि जल्द ही दवाओं के आयात पर शुल्क लगाया जाएगा।


ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका जल्द ही दवा आयात पर बड़े टैरिफ की घोषणा करेगा। नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि इस टैरिफ से दवा कंपनियों को अपना कारोबार अमेरिका में सेटअप करना पड़ेगा।


चीन पर लगाया 104 फीसदी टैरिफमंगलवार की आधी रात से सभी देशों से अमेरिका आने वाले सामानों पर टैरिफ की नई दर लागू हो गई है। इस बीच ट्रंप ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ का एलान किया है। पहले चीन पर अमेरिका ने कुल 54 फीसदी टैरिफ लगाया था। जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी टैरिफ की घोषणा की।


इससे डोनाल्ड ट्रंप भड़क उठे थे। इस बीच ट्रंप ने मंगलवार को चीन पर अमेरिकी टैरिफ से बचने की खातिर अपनी मुद्रा में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा कि आपको उन्हें जवाब देना होगा। वे आज टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी मुद्रा में हेरफेर कर रहे हैं।


बातचीत में जुटे 70 देशट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि 70 देशों के साथ व्यापार के मुद्दे पर बात चल रही है। हर देश के साथ एक कस्टम-मेड डील पर सहमत होने की कोशिश है।


कई नेताओं से ट्रंप ने की बात

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से बात की और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू से भी बात की। अमेरिका इस बात पर खफा है कि चीन ने बातचीत के बजाय जवाबी शुल्क लगाने का फैसला किया, जबकि राष्ट्रपति ट्रंप हर समय फोन उठाने को तैयार हैं।

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