एक आदिल ने लोगों को गोलियों से बचाया, तो दूसरे ने आतंकवाद को दी पनाह; पढ़ें पहलगाम हमले से जुड़े दोनों शख्स की कहानी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन के मैदानों में हुए हमले से जुड़े आदिल नाम के दो लोगों से जुड़ा एक रहस्य सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि दोनों का नाम एक है लेकिन कारनामे बिल्कुल अलग एक ने बंदूक उठाई और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकी समूह में शामिल हो गया। आगे दोनों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन के मैदानों में हुए हमले से जुड़े आदिल नाम के दो लोगों से जुड़ा एक रहस्य सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि दोनों का नाम एक है, लेकिन कारनामे बिल्कुल अलग एक ने बंदूक उठाई और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकी समूह में शामिल हो गया।
दूसरा आतंकवादियों की गोलियों से पर्यटकों को बचाने की कोशिश में मारा गया। पहलगाम हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह ने आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवा दी। वह पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहे थे जब आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।
पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगमंगलवार दोपहर पहलगाम में हुए हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। यह हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी हथियारों से लैस आतंकवादी देवदार के जंगलों से निकले और निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां चला दीं। सैकड़ों लोगों के भागने के बाद अफरा-तफरी मच गई।
कौन है आदिल हुसैन शाह?
28 साल के सैयद आदिल हुसैन शाह पहलगाम के पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए टूर गाइड के रूप में काम करते थे। जब गोलीबारी शुरू हुई, तो उनके परिवार का एकमात्र कमाने वाला आदिल भागा नहीं।
इसके बजाय, उसने पर्यटकों को छिपने में मदद करने की कोशिश की और हमलावर से बंदूक छीनने का भी प्रयास किया। उसे कई बार गोली मारी गई, जिसमें गोलियां उसके सीने और गले में लगीं। इसके बाद वो अंतिम सांस तक लड़ते हुए मौत के घाट उतर गया।
आदिल हुसैन थोकर आतंकियों की कर रहा था मदद
अब बात करें दूसरे आदिल हुसैन थोकर की तो कहा जा रहा इस आदिल ने आतंकवाद में अहम भूमिका निभाई है। माना जाता है कि दो पाकिस्तानी नागरिकों, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई के साथ, आदिल थोकर ने नरसंहार की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आदिल थोकर मूल रूप से बिजबेहरा के गुर्रे गांव का रहने वाला है, जो श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में है। वह 2018 में पाकिस्तान चला गया था, लेकिन पिछले साल घाटी में वापस आ गया, कथित तौर पर लश्कर के विदेशी लड़ाकों के लिए एक स्थानीय गाइड के रूप में काम कर रहा था।
आतंकवादियों को पकड़ने के लिए 20 लाख का इनामवहीं जम्मू और कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं और उन्हें पकड़ने के लिए विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ने के लिए अनंतनाग और पहलगाम में व्यापक तलाशी अभियान चलाया है।
दूसरा आतंकवादियों की गोलियों से पर्यटकों को बचाने की कोशिश में मारा गया। पहलगाम हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह ने आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवा दी। वह पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहे थे जब आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।
पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगमंगलवार दोपहर पहलगाम में हुए हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। यह हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी हथियारों से लैस आतंकवादी देवदार के जंगलों से निकले और निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां चला दीं। सैकड़ों लोगों के भागने के बाद अफरा-तफरी मच गई।
कौन है आदिल हुसैन शाह?
28 साल के सैयद आदिल हुसैन शाह पहलगाम के पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए टूर गाइड के रूप में काम करते थे। जब गोलीबारी शुरू हुई, तो उनके परिवार का एकमात्र कमाने वाला आदिल भागा नहीं।
इसके बजाय, उसने पर्यटकों को छिपने में मदद करने की कोशिश की और हमलावर से बंदूक छीनने का भी प्रयास किया। उसे कई बार गोली मारी गई, जिसमें गोलियां उसके सीने और गले में लगीं। इसके बाद वो अंतिम सांस तक लड़ते हुए मौत के घाट उतर गया।
आदिल हुसैन थोकर आतंकियों की कर रहा था मदद
अब बात करें दूसरे आदिल हुसैन थोकर की तो कहा जा रहा इस आदिल ने आतंकवाद में अहम भूमिका निभाई है। माना जाता है कि दो पाकिस्तानी नागरिकों, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई के साथ, आदिल थोकर ने नरसंहार की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आदिल थोकर मूल रूप से बिजबेहरा के गुर्रे गांव का रहने वाला है, जो श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में है। वह 2018 में पाकिस्तान चला गया था, लेकिन पिछले साल घाटी में वापस आ गया, कथित तौर पर लश्कर के विदेशी लड़ाकों के लिए एक स्थानीय गाइड के रूप में काम कर रहा था।
आतंकवादियों को पकड़ने के लिए 20 लाख का इनामवहीं जम्मू और कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं और उन्हें पकड़ने के लिए विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ने के लिए अनंतनाग और पहलगाम में व्यापक तलाशी अभियान चलाया है।