इस वजह से 12 लाख तक की आय पर मिली टैक्स की छूट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई इनसाइड स्टोरी

इस वजह से 12 लाख तक की आय पर मिली टैक्स की छूट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई इनसाइड स्टोरी

केंद्र सरकार ने बजट में मध्य वर्ग और भेतनभोगियों को बड़ी राहत दी है। अब औसतन एक लाख रुपये मासिक वेतन वाले व्यक्ति को कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे यह काम सौंपा था। देशभर में मध्य वर्ग की टैक्स को लेकर शिकायतें थीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। ( फोटो- एएनआई )


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 को लोगों के द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए बजट के तौर पर परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग को टैक्स कटौती का तोहफा देने के विचार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा समर्थन मिला था लेकिन लोक सेवकों को समझाने में समय लगा।


हमने मध्य वर्ग की आवाज सुनी
वित्त मंत्री ने एक साक्षात्कार में बताया कि हमने मध्य वर्ग की आवाज सुनी। मध्य वर्ग लंबे समय से शिकायत कर रहा था कि ईमानदारी से टैक्स देने के बावजूद उसकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। आय पर टैक्स देने वाले करदाता चाहते थे कि सरकार ऐसे कदम उठाए जिससे वह महंगाई और जीवन की दूसरी चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकें।


अधिकारियों को सता रही थी ये चिंताप्रधानमंत्री ने इस वर्ग को राहत देने के लिए रास्ता तलाशने का काम निर्मला सीतारमण को दिया। प्रधानमंत्री मोदी तो बड़ी टैक्स कटौती के लिए तुरंत सहमत हो गए लेकिन वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के अधिकारियों को तैयार करने में थोड़ा समय लगा। इन अधिकारियों को इस बात की चिंता थी कि इतनी बड़ी टैक्स कटौती से राजस्व जुटाने में मुश्किलें आएंगी।




12 लाख की आय पर टैक्स नहींकेंद्र सरकार की सामाजिक कल्याण के लिए चलाई जा रही स्कीमों सहित दूसरे खर्चो के लिए संसाधन चाहिए। इन स्कीमों के लिए आवंटन भी आम तौर पर हर बजट में बढ़ाया जाता है। सीतारमण ने शनिववार को अपना आठवां बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आय कर की सीमा को बढ़ाने की घोषणा की है। इससे अब 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स देनदारी शून्य हो गई है।

टैक्स स्लैब में भी किया गया बदलाव

पहले सात लाख रुपये तक आय टैक्स फ्री थी। इसके अलावा टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इससे 12 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों को 1.1 लाख रुपये तक बचाने में मदद मिलेगी। टैक्स छूट की सीमा को एक बार में 5 लाख रुपये तक इजाफा अब तक सबसे बड़ी राहत है। यह 2005 और 2023 के बीच दी गई सभी टैक्स राहत के बराबर है।



वित्त मंत्री ने कहा, 'मेरा मानना है प्रधानमंत्री ने इस टैक्स राहत को बहुत शब्दों में बहुत अच्छी तरह से पेश किया है। उन्होंने कहा यह लोगों का बजट है, यह वैसा बजट है जैसा लोग चाहते थे।' बजट को अपने शब्दों में परिभाषित करने के लिए कहे जाने पर, निर्मला सीतारमण ने कहा 'जैसा अब्राहम लिंकन के शब्दों में लोकतंत्र में कहते हैं, यह बजट लोगों के द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए है।'


बचत और निवेश को मिलेगा बढ़ावासीतारमण ने कहा कि नई दरें मध्य वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करेंगी और उनके पास ज्यादा पैसा रहेगा। इससे घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। बड़ी टैक्स राहत की घोषणा के पीछे विचार को स्पष्ट करते हुए सीतारमण ने कहा इस पर कुछ समय से काम चल रहा था।

एक विचार यह था कि डायरेक्ट टैक्स के नियमों को सरल और अनुपालन को आसान बनाया जाए। इस पर जुलाई 2024 के बजट में काम शुरू हुआ और अब नया कानून आने वाला है। नया कानून नियमों की भाषा को सरल बनाएगा, अनुपालन आसान होगा और यह थोडा यूजर फ्रेंडली भी होगा।


लोगों की बात सुनती है मोदी सरकारउन्होंने कहा, ' इसी तरह से जुलाई में अंतरिम बजट के बाद मध्य वर्ग ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उसको लग रहा था कि वह टैक्स दे रहा है... लेकिन सरकार उसकी समस्याओं का समाधान करने के लिए कुछ खास नहीं कर रही है। लोग यह भी कह रहे थी कि सरकार गरीबों और वंचित तबके के लोगों का ध्यान रखने के लिए कुछ ज्यादा ही समावेशी रवैया अपना रही है।'

वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं जहां भी गई, वहां मुझे कुछ ऐसे स्वर सुनाई दिए। हम ईमानदारी से टैक्स देते हैं। हम अच्छे टैक्सपेयर की तरह आगे भी देश की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन आप हमारे लिए क्या कर सकती हैं?' उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री से बात की और उन्होंने मुझे लगाया कि आप देखिए क्या रास्ता निकाला जा सकता है।

मैं इस सरकार का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं, जो लोगों की बात सुनती है और उसके हिसाब से कदम उठाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स नेट को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे है जिनकी आय टैक्स के दायरे में हैं। ऐसे लोगों को टैक्स नेट में लाया जाना चाहिए।

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