अंतरिक्ष में एक और कीर्तिमान रचने के करीब भारत, SpaDeX के तहत 'हैंडशेक' को तैयार दो यान

 अंतरिक्ष में एक और कीर्तिमान रचने के करीब भारत, SpaDeX के तहत 'हैंडशेक' को तैयार दो यान


ISRO SpaDeX docking mission स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के तहत दोनों अंतरिक्षयान काफी करीब पहुंच गए हैं। इसरो ने कहा कि दोनों यान को 5 मीटर और आगे 3 मीटर तक करीब लाने का परीक्षण प्रयास भी किया गया है। अब अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। अब डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी जिसमें डाक और अनडाक करने की क्षमता का प्रदर्शन होगा।

ISRO SpaDeX docking mission नया इतिहास रचने को तैयार इसरो।


ISRO SpaDeX docking mission भारत अपने महत्वाकांक्षी स्पैडेक्स मिशन में सफलता हासिल के काफी करीब पहुंच गया है। इसरो ने कहा कि स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के तहत दोनों अंतरिक्षयान को 15 मीटर और आगे 3 मीटर तक पास पहुंचने का परीक्षण सफल हुआ है। दोनों अंतरिक्षयान ठीक तरीके से काम कर रहे हैं।


3 मीटर की दूरी पर लाए गए दोनों यान
इसरो ने आज एक पोस्ट कर जानकारी दी कि स्पैडेक्स डॉकिंग मिशन के तहत दोनों यान के 15 मीटर और आगे 3 मीटर तक पास पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया है। अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। डेटा के आगे विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी।




'डाक' और 'अनडाक' करने की क्षमता का होगा प्रदर्शन

डॉकिंग के लिए दोनों अंतरिक्षयानों को 225 मीटर तक की दूरी तक लाना है। हालांकि, इसरो ने डॉकिंग प्रयोगों के लिए कोई तारीख तय नहीं की है। 'स्पैडेक्स' मिशन के तहत भारत अंतरिक्षयान को 'डाक' और 'अनडाक' करने की क्षमता को प्रदर्शित करेगा। इस सफलता के साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष 'डॉकिंग' प्रौद्योगिकी में सक्षम दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रमा से नमूने वापस लाने में मिलेगी कामयाबीएक अंतरिक्षयान से दूसरे अंतरिक्षयान के जुड़ने को डॉकिंग और अंतरिक्ष में जुड़े दो यानों के अलग होने को अनडॉकिंग कहते हैं। यह प्रौद्योगिकी भारत के महत्वाकांक्षी मिशनों जैसे चंद्रमा से नमूने वापस लाने, भारतीय अंतरिक्ष केंद्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

इसरो ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, दोनों अंतरिक्षयान 230 मीटर की इंटर सेटेलाइट डिस्टेंस (आइएसडी) पर हैं। सेंसर का मूल्यांकन किया जा रहा है। अंतरिक्षयान ठीक से काम कर रहे हैं। स्पैडेक्स डॉकिंग प्रयोग को अब तक दो बार टाला जा चुका है।


30 दिसंबर को 'स्पैडेक्स' मिशन हुआ था लॉन्चजब इस मिशन को लांच किया गया था, डॉकिंग प्रक्रिया सात जनवरी को करने की योजना थी, लेकिन डॉकिंग को नौ जनवरी तक टाल दिया गया। अंतरिक्षयानों को निर्धारित दूरी तक लाने में सफलता मिलने के कारण इसे फिर टाल दिया गया था। इसरो ने 30 दिसंबर को 'स्पैडेक्स' मिशन को लांच किया था।

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