शुगर के मरीजों के लिए न दवा ज्यादा बेहतर है और न ही इंसुलिन। ऐसा इसलिए कि यह बीमारी आपको अंदर ही अंदर गला देती है। बस एक मजबूरी के तौर पर लोग दवाएं और इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं। फिर भी यह जानना अहम है कि दोनों में कौन सी चीज ज्यादा बेहतर है। क्योंकि कई लोगों ने इंसुलिन लेना शुरू कर दी है।

HIGHLIGHTSशुगर कंट्रोल करने से पहले डाइट करें कंट्रोल
पैदल चलना ज्यादा शुरू करें
एक्सरसाइज का समय निर्धारित करें
इंसुलिन और दवा दोनों ही मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन दोनों के बीच में कुछ अंतर हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इंसुलिन एक हार्मोन है जो पैनक्रियास द्वारा उत्पादित किया जाता है। यह रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इंसुलिन का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है, खासकर टाइप 1 मधुमेह में। वहीं दवा मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। दवा रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। दवा के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ दवाएं यह हैं।
- मेटफॉर्मिन
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- सुल्फोनीलुरिया
- मेग्लिटिनाइड्स
- थियाजोलिडिनेडियोन्स
इंसुलिन और दवा में अंतरबता दें कि इंसुलिन और दवा में कुछ अंतर हैं। अगर बात इंसुलिन की करें तो यह एक हार्मोन है, जबकि दवा एक रसायनिक यौगिक है। वहीं अगर बात करें तो इंसुलिन का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है, जबकि दवा का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन यह इंसुलिन की तरह प्रभावी नहीं हो सकती है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?अगर डॉक्टरों की बात करें तो डॉक्टर मरीजों को ज्यादातर दवा लेने की ही सलाह देते हैं। असल में दवा इंसुलिन के मुकाबले थोड़ी इजी भी है। इंसुलिन का इंजेक्शन मरीज के पेट में लगाया जाता है जबकि दवा खाना उससे कहीं ज्यादा इज़ी प्रोसेस है।
हां अगर शुगर लेवल बहुत हाई रहता है और दवा से भी कंट्रोल नहीं होता तो ऐसे मामलों में डॉक्टर फिर मरीज को इंसुलिन लेने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब दवा शुगर को कंट्रोल करने में बेअसर रहती हैं तो डॉक्टरों को मरीजों को इंसुलिन लेने की सलाह देनी पड़ती है।
क्या इंसुलिन है सेफ?

क्या एक बार इंसुलिन लेने पर पूरे हफ्ते शुगर रहती है कंट्रोल?नहीं, एक बार इंसुलिन लेने पर पूरे हफ्ते शुगर नहीं रहती है कंट्रोल। इंसुलिन का प्रभाव कुछ घंटों तक रहता है, और इसके बाद शुगर का स्तर फिर से बढ़ सकता है। इसलिए, मधुमेह के रोगियों को नियमित रूप से इंसुलिन लेना पड़ता है ताकि उनका शुगर का स्तर नियंत्रित रहे।