देश में एक और मिला HMPV वायरस केस, पुडुचेरी में 5 साल की बच्ची संक्रमित

 देश में एक और मिला HMPV वायरस केस, पुडुचेरी में 5 साल की बच्ची संक्रमित


HMPV का एक और केस अब पुडुचेरी से सामने आया है। पुडुचेरी में 5 साल की बच्ची संक्रमित मिली है बताया जा रहा है कि पुडुचेरी के जेआईपीएमईआर में उसका इलाज चल रहा है। 5 साल की एक बच्ची में बुखार खांसी और नाक बहने के लक्षणों देखने के बाद उसकी जांच की गई। अस्पताल में उसकी बारीकी से निगरानी की जा रही है।

पुडुचेरी में मिला HMPV का दूसरा केस (फाइल फोटो)

 भारत में HMPV वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश के कई राज्यों से इसके मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अब पुडुचेरी से HMPV का दूसरा केस सामने आया है, पुडुचेरी में एचएमपीवी ने पिछले हफ्ते दस्तक दे दी थी। अब पुडुचेरी में एक और बच्चा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से संक्रमित पाया गया और उसका यहां केंद्र प्रशासित जिपमर में इलाज चल रहा है।


बच्ची की उम्र 5 साल बताई जा रही है। पुडुचेरी के स्वास्थ्य निदेशक वी रविचंद्रन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बच्ची ने बुखार, खांसी और नाक बहने की शिकायत की। उन्हें कुछ दिन पहले JIPMER में भर्ती कराया गया था और उसका इलाज चल रहा है। डाक्टर्स ने बच्ची के लिए कहा कि बच्ची ठीक हो रहा है और उसके इलाज के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।


तीन साल का बच्चा भी हुआ था संक्रमितवहीं पुडुचेरी में पिछले हफ्ते पहला एचएमपीवी (तीन साल का बच्चा) सामने आया था और उसका इलाज एक निजी अस्पताल में किया गया था। पूरी तरह ठीक होने के बाद शनिवार को लड़की को छुट्टी दे दी गई।




गुजरात में आए सबसे ज्यादा केसअसम में HMPV का पहला केस सामने आया। यहां 10 महीने का बच्चा पॉजिटिव है।
देश में HMPV के सबसे ज्यादा 4 मामले गुजरात से आए हैं।
महाराष्ट्र में 3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, यूपी, राजस्थान, असम और बंगाल में एक-एक केस सामने आया है।
HMPV केस बढ़ने पर अब राज्यों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
2001 में पहली बार सामने आया HMPVस्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस को लेकर कई दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान पहली बार साल 2001 में हुई थी और यह सालों से दुनिया भर में फैल रहा है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि HMPV के लिए शायद ही कभी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसलिए इससे ज्यादा घबराने की बात नहीं है।

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