ट्रंप के फैसले से बांग्‍लादेश को बड़ा झटका, युनुस राज में एजेंसियों ने बंद किए दफ्तर; हजारों लोग हुए बेरोजगार

 ट्रंप के फैसले से बांग्‍लादेश को बड़ा झटका, युनुस राज में एजेंसियों ने बंद किए दफ्तर; हजारों लोग हुए बेरोजगार


डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी है। एक एजेंसी ने अचानक अपनी सेवाएं बंद करने का एलान क‍िया और एक साथ 1000 से ज्‍यादा लोगों को बर्खास्‍त कर द‍िया। साथ ही कई और एजेंसियां लाइन में खड़ी हैं।

ट्रंप के फैसले से मोहम्मद यूनुस की उड़ी नींद

 अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के ताबड़तोड़ फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। अब उनके फैसले से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी है।


बांग्लादेश में अमेर‍िका की मदद से चलने वाली एजेंसियां ऑफिस बंद कर रही हैं, इसका नतीजा वहां के युवाओं पर पड़ रहा है। हाल ही में एक एजेंसी ने अचानक अपनी सेवाएं बंद करने का एलान क‍िया और एक साथ 1000 से ज्‍यादा लोगों को बर्खास्‍त कर द‍िया। साथ ही कई और एजेंसियां लाइन में खड़ी हैं।


बांग्लादेश में इस कंपनी पर पड़ा ज्यादा असरअमेर‍िकी मदद रुकने का पहला असर बांग्लादेश के इंटरनेशनल सेंटर फॉर डायरियल डिजीज रिसर्च पर पड़ा है। बता दें कि बांग्लादेश में आईसीडीडीआर ने अपने हजार से ज्‍यादा कर्मचार‍ियों को बर्खास्‍तगी के लेटर पकड़ द‍िए हैं। ये सभी कर्मचारी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की मदद से चलने वाले प्रोग्राम में काम कर रहे थे।

अमेरिकी सरकार ने रोक दिया फंड

इनमें से ज्‍यादातर अध‍िकारी और कर्मचारी कांट्रेक्‍ट पर थे, लेकिन हजारों रुपये महीने की सैलरी ले रहे हैं। अब इनके ल‍िए नई नौकरी तलाशना आसान नहीं होगा। इंटरनेशनल सेंटर फॉर डायरियल डिजीज रिसर्च के सीनियर मैनेजर एकेएम तारिफुल इस्लाम खान ने इस बात की पुष्टि की है क‍ि सभी कर्मचार‍ियों को नौकरी से निकाल द‍िया गया है। उन्‍होंने कहा, अमेर‍िकी सरकार ने फंड रोक दी है। हमें अगली योजनाओं के ल‍िए कोई फंड नहीं मिलेगा।

60 से ज्यादा NGOs वित्तीय सहायता पर निर्भरइसल‍िए हम अब क‍िसी प्रोजेक्‍ट पर काम नहीं कर सकते। हमारे पास इतना फंड नहीं क‍ि इन लोगों को सैलरी दे सकें। बांग्लादेश में लगभग 60 से ज्यादा NGOs अमेरिकी वित्तीय सहायता पर निर्भर थीं। अब उनके सामने वित्तीय संकट गहराता जा रहा है, जिससे लाखों लोगों को नौकरी गंवाने का खतरा रहा है।

अमेरिकी फंडिंग के अलावा, अन्य पश्चिमी देशों की कंपनियां भी बांग्लादेश में अपने निवेश पर फिर से विचार कर रही हैं। इससे आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था और अधिक मुसीबत में आ सकती है।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »