दलित एथलीट के साथ रेप मामले में हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने अब तक 58 आरोपियों में से 44 को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी सुबिन है जो पीड़िता का बचपन का दोस्त था। उसी ने पहली बार पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया था और इसे रिकॉर्ड कर अन्य लोगों तक भेजा था।

केरल में 18 साल की दलित एथलीट के साथ बीते 5 साल में 58 लोगों द्वारा यौन उत्पीड़न करने के मामले ने देश को चौंका दिया था। पुलिस ने जांच के बाद 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। इसके मुताबिक, इसकी शुरुआत पीड़ित के बचपन के दोस्त ने की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यौन उत्पीड़न करने वाले 58 में से 44 लोग उसी दलित बस्ती या आस-पास के इलाकों से थे, जहां पीड़िता रहती थी।
बचपन का दोस्त एक आरोपीइस मामले में 4 पुलिस थानों में पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत 29 अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। जांच में सामने आया है कि पीड़िता का एक बचपन का दोस्त सुबिन था। जब वह 13 साल की थी, तब उसके उत्पीड़न की शुरुआत हुई।
सुबिन और पीड़िता का घर आस-पास ही था। दोनों बचपन के दोस्त थे। सुबिन ने पहले पीड़िता का उत्पीड़न किया और इसके फोटो-वीडियो रिकॉर्ड कर लिए। इसके बाद वह इन्हीं का इस्तेमाल कर बार-बार उसका यौन उत्पीड़न करने लगा।
पीड़िता के क्लासमेट भी शामिलइसके बाद सुबिन ने दो और लोगों को इस बारे में बताया। ये मिलकर अगले कुछ सालों तक उसका यौन उत्पीड़न करते रहे। धीरे-धीरे पीड़िता की जानकारी और तस्वीरें कई लोगों तक पहुंच गए। इसमें पीड़िता के क्लासमेट भी शामिल थे।
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें दैनिक कामगार, ड्राइवर भी शामिल हैं। इसमें शे अधिकतर शादीशुदा हैं और आस-पास ही रहते थे। आरोपियों में 4 नाबालिग हैं और 2 वारदात के वक्त नाबालिग थे। इसमें से अधिकतर ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए पीड़िता से संपर्क किया था।
पीड़िता ने सुनाई थी आपबीतीपीड़िता ने बताया कि कई बार एक से अधिक लोग भी उसके साथ रेप करते थे। एक आरोपी तिरुवनंतपुरम का रहने वाला था, जो पीड़िता के शहर से 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है। वहीं दो लोग इस समय देश के बाहर हैं।
मामला तब प्रकाश में आया, जब पीड़िता ने अपने स्कूल टीचर से इस बारे में बात की। स्कूल टीचर उसे राज्य सरकार द्वारा वूमन एम्पावरमेंट के लिए चलाई जा रही स्कीम स्नेहिता के काउंसलर के पास ले गई। पीड़िता ने काउंसर को उसके साथ हुई घिनौनी वारदात के बारे में बताया।
जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। इसके मुताबिक, इसकी शुरुआत पीड़ित के बचपन के दोस्त ने की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यौन उत्पीड़न करने वाले 58 में से 44 लोग उसी दलित बस्ती या आस-पास के इलाकों से थे, जहां पीड़िता रहती थी।
बचपन का दोस्त एक आरोपीइस मामले में 4 पुलिस थानों में पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत 29 अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। जांच में सामने आया है कि पीड़िता का एक बचपन का दोस्त सुबिन था। जब वह 13 साल की थी, तब उसके उत्पीड़न की शुरुआत हुई।
सुबिन और पीड़िता का घर आस-पास ही था। दोनों बचपन के दोस्त थे। सुबिन ने पहले पीड़िता का उत्पीड़न किया और इसके फोटो-वीडियो रिकॉर्ड कर लिए। इसके बाद वह इन्हीं का इस्तेमाल कर बार-बार उसका यौन उत्पीड़न करने लगा।
पीड़िता के क्लासमेट भी शामिलइसके बाद सुबिन ने दो और लोगों को इस बारे में बताया। ये मिलकर अगले कुछ सालों तक उसका यौन उत्पीड़न करते रहे। धीरे-धीरे पीड़िता की जानकारी और तस्वीरें कई लोगों तक पहुंच गए। इसमें पीड़िता के क्लासमेट भी शामिल थे।
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें दैनिक कामगार, ड्राइवर भी शामिल हैं। इसमें शे अधिकतर शादीशुदा हैं और आस-पास ही रहते थे। आरोपियों में 4 नाबालिग हैं और 2 वारदात के वक्त नाबालिग थे। इसमें से अधिकतर ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए पीड़िता से संपर्क किया था।
पीड़िता ने सुनाई थी आपबीतीपीड़िता ने बताया कि कई बार एक से अधिक लोग भी उसके साथ रेप करते थे। एक आरोपी तिरुवनंतपुरम का रहने वाला था, जो पीड़िता के शहर से 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है। वहीं दो लोग इस समय देश के बाहर हैं।
मामला तब प्रकाश में आया, जब पीड़िता ने अपने स्कूल टीचर से इस बारे में बात की। स्कूल टीचर उसे राज्य सरकार द्वारा वूमन एम्पावरमेंट के लिए चलाई जा रही स्कीम स्नेहिता के काउंसलर के पास ले गई। पीड़िता ने काउंसर को उसके साथ हुई घिनौनी वारदात के बारे में बताया।