केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को 37वें इंटेलिजेंस ब्यूरो शताब्दी बंदोबस्ती व्याख्यान में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि झूठी खबरें और दुष्प्रचार समाज के लिए बड़ी चुनौती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब चुनौतियां बदलती हैं तो हमें उपाय भी बदलने पड़ेंगे। गलत सूचना का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता है।
शाह ने कहा कि एजेंसियों को परंपरागत तरीकों से निकाल कर नए तरीके से तैयार करना पड़ेगा। (File Image)केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 37वें इंटेलिजेंस ब्यूरो शताब्दी बंदोबस्ती व्याख्यान में कहा है कि झूठी खबरों से अलगाववाद को भड़काना, सांप्रदायिक दंगे, इंटरनेट मीडिया के जरिए नारको ट्रेड, साइबर स्पाई और क्रिप्टोकरेंसी के मामले, एक अलग प्रकार का चुनौती बनकर आज हमारे सामने खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के लिए भी हमें अपनी एजेंसियों को परंपरागत तरीकों से बाहर निकाल कर नए तरीके से तैयार करना पड़ेगा। इसके लिए हमें अलग से जाकर इनसे लड़ने के रास्ते ढूंढने पड़ेंगे, क्योंकि जब चुनौतियां बदलती हैं तो हमें उपाय भी बदलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरे पुलिस बल को तैयार करने की जिम्मेदारी अब देश के सूचना योद्धाओं पर है।
'मजबूत तंत्र की आवश्यकता'गृह मंत्री ने कहा कि खतरों की तुरंत पहचान करके और उन्हें खत्म करने, खुफिया तंत्र समाज के भीतर विश्वास और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि अगर नक्सलवाद, आतंकवाद, संगठित अपराध, विभाजनकारी ताकतों, सांप्रदायिकता, नशीले पदार्थों और असामाजिक तत्वों जैसी चुनौतियों को पूरी तरह से नियंत्रित करना है, तो समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है।
शाह ने कहा कि गलत सूचना का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता है और इसे रोकने के लिए एक रणनीति, प्रौद्योगिकी और तत्परता की आवश्यकता है। गृह मंत्री ने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) को विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए खुद को एक अत्याधुनिक एजेंसी बनने के लिए तैयार करना होगा।
भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: शाहउन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, प्रतिस्पर्धा तेज होती है, खतरे बढ़ते हैं और अवरोधक ताकतें उभरती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से लेकर पुलिस स्टेशनों और कांस्टेबलों तक इन खतरों का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाना युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
शाह ने कहा कि देश में शांति और स्थिरता के साथ-साथ समावेशी विकास तभी संभव है, जब हम इस अपने काम को नया आकार देंगे, नए सिरे से तैयारी करेंगे और सतर्क रहेंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 10 साल में देश में कई प्रकार के खतरों से निर्णायक लड़ाई लड़कर वर्चस्व स्थापित किया है।
'हिंसक घटनाओं में 70 फीसदी की कमी'उन्होंने कहा, '10 साल पहले तक हमारे देश के सामने चले आ रहे तीन नासूर-पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद और कश्मीर देश की शांति, कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और भविष्य को चुनौती दे रहे थे। सरकार की सख्त नीतियों और कठोर निर्णयों के कारण हमारी आने वाली पीढ़ी को इन तीनों खतरों की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमने इन खतरों पर लगभग निर्णायक विजय प्राप्त कर ली है।' शाह ने कहा कि इन तीनों क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत और मृत्यु में लगभग 86 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।