UPI और RuPay को 'Truly Global' बनाने पर है रिजर्व बैंक का फोकस
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 (Global Fintech Fest 2024) को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि यूपीआई (UPI) और रुपे (RuPay) को ग्लोबल पहचान दिलाने को लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ है।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि यूपीआई (UPI) और रुपे (RuPay) को सही मायनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का फोकस इन दोनों को ट्रूली ग्लोबल (Truly Global) बनाने पर है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 (Global Fintech Fest 2024) में बोलते हुए गवर्नर दास ने कहा कि रिजर्व बैंक का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई), उपभोक्ता संरक्षण और साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं के ग्लोबल इंटिग्रेशन को मजबूत करने पर है।
वित्तीय बुनियादी ढांचे होंगे मजबूत
उन्होंने कहा कि भारत कई देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों और द्विपक्षीय समझौतों में सक्रिय रूप से शामिल है तथा सीमा पार भुगतान प्रणालियों सहित वित्तीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आरबीआई का प्रमुख फोकस क्षेत्र होगा।

दास ने कहा कि भारत अपनी तकनीकी प्रतिभा और विकसित वित्तीय फिनटेक इकोसिस्टम के साथ डिजिटल इनोवेशन और फिनटेक स्टार्टअप के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में काम करने, रणनीतिक साझेदारी बनाने और मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्धता को मजबूत करने और बेहतरीन संस्थानों को विकसित करने की क्षमता रखता है।
गवर्नर दास ने कहा, "हम अब यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि इस दिशा में पहले ही उल्लेखनीय प्रगति हो चुकी है, जिसमें भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, नामीबिया, पेरू, फ्रांस और कुछ अन्य देश शामिल हैं, जहां रुपे कार्ड और यूपीआई नेटवर्क के माध्यम से भुगतान को स्वीकार किया जा रहा है।
फिनटेक सेक्टर में 6 अरब डॉलर का हुआ निवेश
उन्होंने कहा कि ये प्रयास दुनिया भर में भारत की पहलों को अपनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को रेखांकित करते हैं। फिनटेक क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ है।
दास ने कहा कि भारत अब एक तेजी से बढ़ती आर्थिक महाशक्ति है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय संस्थानों और फिनटेक को नए अवसरों का लाभ उठाने और जोखिमों को कम करने के लिए तेजी से एक मजबूत ढांचा अपनाना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि यूपीआई (UPI) और रुपे (RuPay) को सही मायनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का फोकस इन दोनों को ट्रूली ग्लोबल (Truly Global) बनाने पर है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 (Global Fintech Fest 2024) में बोलते हुए गवर्नर दास ने कहा कि रिजर्व बैंक का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई), उपभोक्ता संरक्षण और साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं के ग्लोबल इंटिग्रेशन को मजबूत करने पर है।
वित्तीय बुनियादी ढांचे होंगे मजबूत
उन्होंने कहा कि भारत कई देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों और द्विपक्षीय समझौतों में सक्रिय रूप से शामिल है तथा सीमा पार भुगतान प्रणालियों सहित वित्तीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आरबीआई का प्रमुख फोकस क्षेत्र होगा।

दास ने कहा कि भारत अपनी तकनीकी प्रतिभा और विकसित वित्तीय फिनटेक इकोसिस्टम के साथ डिजिटल इनोवेशन और फिनटेक स्टार्टअप के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में काम करने, रणनीतिक साझेदारी बनाने और मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्धता को मजबूत करने और बेहतरीन संस्थानों को विकसित करने की क्षमता रखता है।
गवर्नर दास ने कहा, "हम अब यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि इस दिशा में पहले ही उल्लेखनीय प्रगति हो चुकी है, जिसमें भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, नामीबिया, पेरू, फ्रांस और कुछ अन्य देश शामिल हैं, जहां रुपे कार्ड और यूपीआई नेटवर्क के माध्यम से भुगतान को स्वीकार किया जा रहा है।
फिनटेक सेक्टर में 6 अरब डॉलर का हुआ निवेश
उन्होंने कहा कि ये प्रयास दुनिया भर में भारत की पहलों को अपनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को रेखांकित करते हैं। फिनटेक क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ है।
दास ने कहा कि भारत अब एक तेजी से बढ़ती आर्थिक महाशक्ति है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय संस्थानों और फिनटेक को नए अवसरों का लाभ उठाने और जोखिमों को कम करने के लिए तेजी से एक मजबूत ढांचा अपनाना चाहिए।