Gaza पर दोहरी मार, 25 साल बाद पोलियो की एंट्री; 10 महीने का बच्चा हुआ लकवाग्रस्त

 


Gaza पर दोहरी मार, 25 साल बाद पोलियो की एंट्री; 10 महीने का बच्चा हुआ लकवाग्रस्त

Polio Case in Gaza गाजा में 25 साल बाद पोलियो की एंट्री हो गई है। देश पर ये दोहरी मार से कम नहीं है एक ओर जहां फलस्तीनी लोग इजरायल के हमले झेल रहे हैं। वहीं अब 10 माह के छोटे से बच्चे को पोलियो हो गया है। गाजा में स्वास्थ्य कर्मी कई महीनों से पोलियो के प्रकोप की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे थे।

Polio Case in Gaza गाजा में अब पोलियो का मामला आया सामने।

HIGHLIGHTSस्वास्थ्य कर्मी कई महीनों से पोलियो के प्रकोप की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे थे।
10 महीने के बच्चे ने अचानक रेंगना बंद कर दिया।

 Polio Case in Gaza इजरायल के लगातार हमलों से गाजा लगभग तबाह हो चुका है। हर रोज इजरायली सेना फलस्तीनी लोगों पर बम बरसा रही है। इस बीच गाजा पर अब एक और मुसीबत आ गई है। विनाशकारी इजरायल-हमास युद्ध के बीच पोलियो ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।
10 महीने के बच्चे को हुआ पोलियो

युद्ध के दौरान जन्मे एक 10 महीने के बच्चे को पोलियो हो गया है। अब्देल-रहमान अबुएल-जेडियन नाम के इस बच्चे ने कम उम्र में रेंगना शुरू कर दिया था। फिर एक दिन, वह एक दम से जम सा गया, उसका बायां पैर लकवाग्रस्त लग रहा था।





विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह बच्चा 25 वर्षों में गाजा के अंदर पोलियो का पहला पुष्ट मामला है।
अचानक से चलना कर दिया बंद

बच्चे की मां नेविन अबुएल-जेडियन ने रोते-रोते कहा, 'अब्देल-रहमान एक ऊर्जावान बच्चा था, लेकिन अचानक से उसने रेंगना बंद कर दिया, हिलना बंद कर दिया, खड़ा होना बंद कर दिया।


पहले ही दी गई थी चेतावनी

गाजा में स्वास्थ्य सेवा कर्मी महीनों से पोलियो के प्रकोप की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि पट्टी पर इजरायल के आक्रमण से मानवीय संकट बढ़ता ही जा रहा है। अब्देल-रहमान का ये मामला स्वास्थ्य कर्मियों की इस आशंकाओं को अब पुष्ट कर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि युद्ध से पहले, गाजा के बच्चों को पोलियो के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीका लगाया गया था। लेकिन अब्देल-रहमान को टीका नहीं लगाया गया क्योंकि उनका जन्म 7 अक्टूबर से ठीक पहले हुआ था, जब हमास के आतंकवादियों ने इजराइल पर हमला किया और इजरायल ने गाजा पर जवाबी हमला किया, जिससे उनके परिवार को तुरंत भागने पर मजबूर होना पड़ा। अस्पतालों पर हमला किया गया और नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण लगभग बंद कर दिया गया।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »