'कुछ अजीब हो रहा है,' अंटार्कटिका को लेकर परेशान क्यों हैं वैज्ञानिक? जारी की चेतावनी
आम तौर पर शांत रहने वाला भंवर इस साल नाटकीय रूप से कमजोर हो गया है। हवा की स्पीड कम हो गई है जिससे ठंडी हवा बाहर निकल गई है और गर्म हवा अंटार्कटिका में घुस गई है। इसका असर ये हुआ है कि भंवर अपनी सामान्य स्थिति से हट गया है जिससे ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में ठंड का मौसम आ गया है।

न्यू साइंटिस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि अंटार्कटिका में तेज गर्मी हो सकती है।
सातों महाद्वीपों (Seven Continents) में से एक अंटार्कटिका के ऊपर ठंडी हवा के घूमता द्रव्यमान ने वैज्ञानिकों को चिंतित कर दिया है। इसको अंटार्कटिक ध्रुवीय भंवर के नाम से पहचाना जा रहा है। धरती के समताप मंडल (Stratosphere) में तापमान में नाटकीय उछाल के बाद दो दशकों में पहली बार भंवर के अलग होने का जोखिम बढ़ गया है। इसपर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह अंटार्कटिक ध्रुवीय भंवर अभूतपूर्व रूप से अस्थिर दिखाई दे रहा है।
न्यू साइंटिस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे अंटार्कटिका में तेज गर्मी हो सकती है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका का मौसम असामान्य रूप से गर्म, शुष्क हो सकता है।
शांत रहने वाला भंवर नाटकीय रूप से कमजोर हुआ
दरअसल, आम तौर पर शांत रहने वाला भंवर इस साल नाटकीय रूप से कमजोर हो गया है। हवा की स्पीड कम हो गई है, जिससे ठंडी हवा बाहर निकल गई है और गर्म हवा अंटार्कटिका में घुस गई है। इसका असर ये हुआ है कि भंवर अपनी सामान्य स्थिति से हट गया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में ठंड का मौसम आ गया है।
बार-बार कम हो रही है हवा की स्पीड
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बार-बार हवा की स्पीड धीमी होने से भंवर की दिशा में अचानक से बदलाव हो सकता है। इसे स्ट्रेटोस्फेरिक वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। यह संभावित विभाजन के साथ मिलकर पहले से ही खराब स्थितियों को और भी बदतर बना सकता है।
किसी बड़ी घटना की आहट दे सकती है मामूली गर्मी
ब्रिटेन के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय के साइमन ली का कहना है कि भंवर में अपेक्षाकृत छोटे व्यवधान भी बड़े प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने कहा, "कभी-कभी मामूली गर्मी भंवर के बाद किसी बड़ी घटना की आहट दे सकती है। इसकी मुख्य वजह अंटार्कटिक भंवर की परिवर्तनशीलता का कम होना है। अगर इसमें कुछ भी असामान्य होता है तो यह बहुत जल्दी एक बड़ी घटना बन सकती है।"
इस साल की संरचना बहुत ही असामान्य
ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय में दक्षिणी ध्रुवीय भंवर के व्यवहार का अध्ययन करने वाली चैंटेल ब्लाचुट ने कहा कि इस साल की संरचना बहुत ही असामान्य है। गर्म हवा इस भंवर पर खरतनाक प्रभाव डाल रही है। इससे भंवर के दोनों ओर की दो संरचनाओं पर खिंचाव बढ़ रहा है।
अभी के हालात अनिश्चित हैं
हालांकि अभी के हालात अनिश्चित हैं। कहा जा रहा है कि अंटार्कटिका में उठने वाला भंवर वास्तव में विभाजित होगा या नहीं। हालांकि, यह असामान्य है और वैश्विक मौसम पैटर्न पर संभावित प्रभावों के बारे में चिंताएं पैदा कर रही है। इस भंवर की अस्थिरता में जलवायु परिवर्तन के कारण, जैसे कम समुद्री बर्फ और हंगा टोंगा-हंगा हापाई ज्वालामुखी विस्फोट सबसे ज्यादा योगदान दे रहे हैं।
दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं
इसके दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं। इससे न केवल अंटार्कटिका को रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में भीषण गर्मी और सूखा आ सकता है।