चुनाव का विरोध करने पर हिज्ब-उत-तहरीर के छह सदस्य दबोचे, आरोपितों में एक मैकेनिकल इंजीनियर
लोकसभा चुनाव के विरोध में ऑनलाइन अभियान चलाने वाले हिज्ब उत तहरीर संगठन के छह सदस्यों को तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने दबोचा है। ये सभी वीडियो जारी कर आम लोगों को उकसा रहे थे कि वे चुनाव में वोट न डालें। पकड़े गए लोगों में एक शख्स और उसके दो बच्चे भी शामिल हैं। आरोपितों में एक हामिद हुसैन पेश से मैकेनिकल इंजीनियर है।

चुनाव का विरोध करने पर हिज्ब-उत-तहरीर के छह सदस्य दबोचे
लोकसभा चुनाव के विरोध में ऑनलाइन अभियान चलाने वाले हिज्ब उत तहरीर संगठन के छह सदस्यों को तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने दबोचा है। ये सभी वीडियो जारी कर आम लोगों को उकसा रहे थे कि वे चुनाव में वोट न डालें। पकड़े गए लोगों में एक शख्स और उसके दो बच्चे भी शामिल हैं।
लोकतंत्र को हराम करार दिया
सभी आरोपित इस्लाम धर्म का पालन करने वाले हैं और अपने 'फालोअर्स' को इस्लाम का पालन करने के लिए भी प्रेरित कर रहे थे। केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। लोकतंत्र को हराम करार देते हुए इन लोगों ने कहा कि जो भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा वह भी हराम काम करेगा।

आरोपितों में एक इंजीनियर
आरोपितों में एक हामिद हुसैन पेश से मैकेनिकल इंजीनियर है। अन्य आरोपितों की पहचान अहमद मंसूर, अब्दुल रहमान, मोहम्मद मउरिस, नवाज शरीफ, अहमद अली के रूप में हुई है। गौरतलब है कि हिज्ब उत तहरीर संगठन पर कई देशों में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
लोकसभा चुनाव के विरोध में ऑनलाइन अभियान चलाने वाले हिज्ब उत तहरीर संगठन के छह सदस्यों को तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने दबोचा है। ये सभी वीडियो जारी कर आम लोगों को उकसा रहे थे कि वे चुनाव में वोट न डालें। पकड़े गए लोगों में एक शख्स और उसके दो बच्चे भी शामिल हैं।
लोकतंत्र को हराम करार दिया
सभी आरोपित इस्लाम धर्म का पालन करने वाले हैं और अपने 'फालोअर्स' को इस्लाम का पालन करने के लिए भी प्रेरित कर रहे थे। केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। लोकतंत्र को हराम करार देते हुए इन लोगों ने कहा कि जो भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा वह भी हराम काम करेगा।

आरोपितों में एक इंजीनियर
आरोपितों में एक हामिद हुसैन पेश से मैकेनिकल इंजीनियर है। अन्य आरोपितों की पहचान अहमद मंसूर, अब्दुल रहमान, मोहम्मद मउरिस, नवाज शरीफ, अहमद अली के रूप में हुई है। गौरतलब है कि हिज्ब उत तहरीर संगठन पर कई देशों में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।