Meta पर लगा यूरोप में 10000 हजार करोड़ से अधिक का जुर्माना, डेटा ट्रांसफर से जुड़ा है मामला

 Meta पर लगा यूरोप में 10000 हजार करोड़ से अधिक का जुर्माना, डेटा ट्रांसफर से जुड़ा है मामला


 यूरोपीय यूनियन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी मेटा पर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 10,700 करोड़ भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। इसके पीछे की वजह कंपनी द्वारा यूजर्स का डाटा अमेरिका में भेजना था। बता दें, ये जुर्माना डाटा प्राइवेसी को लेकर लगाया गया है।

यूरोप में कड़े डाटा प्राइवेसी कानून लागू करने के बाद यूरोपीय यूनियन द्वारा किसी कंपनी पर लगाया गया ये अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। इससे पहले अमेजन पर 865 मिलियन अमेरिकी डॉलर (746 मिलियन यूरो) का जुर्माना डाटा प्रोटेक्शन के नियमों में उल्लंघन के लिए लगाया गया था।

मेटा को मिला 5 महीने का समय

आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने मेटा को यूजर्स का पर्सनल डाटा अमेरिका भेजने से रोकने के लिए 5 महीने का समय दिया गया है। साथ ही कंपनी को अमेरिका में स्टोर यूजर्स के पर्सनल डाटा को लेकर भी समाधान निकालने को कहा गया है।


एक दशक पुराना मामला

एक दशक इस पुराने मामले में मेटा मे पहले यूरोप के यूजर्स की सेवाएं बंद करने की चेतावनी दी थी। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यूरोप में कंपनी की सेवाएं जारी हैं।

जुर्माने पर मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने कहा कि ये निर्णय काफी त्रुटिपूर्ण और अन्यायपूर्ण है। यह यूरोप एवं अमेरिका के बीच डाटा भेजने वाली दूसरी कंपनियों के लिए भी खतरनाक नजीर पेश करता है।


प्राइवेसी के नियमों को लेकर क्यों सख्त ईयू?

ये पूरा मामला यूरोपीय देशों से जुड़ा हुआ है। यूरोपीय नियामकों को इस बात की चिंता है कि इन कंपनियों के माध्यम से अगर यूजर्स का डाटा अमेरिका में पहुंचता है तो फिर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों तक भी ये डाटा पहुंच सकता है।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »