
एससी-एसटी कोर्ट ने मधु मॉब लिंचिंग मामले में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया। मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी भी किया है। आरोपियों को कितनी सजा मिलेगी इसका एलान कल किया जाएगा।
केरल की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को राज्य के पलक्कड़ जिले में 2018 में अट्टापडी मधु लिंचिंग मामलें में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया है। मामले में कथित रूप से खाद्य सामग्री चुराने के आरोप में आदिवासी व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी भी किया है और सजा का एलान कल करने की बात कही है। बता दें कि मामले में 5 साल बाद फैसला आया है।
गैर इरादतन हत्या के अपराध के लिए सजा सुनाई
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) राजेश एम मेनन ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने दोषियों को गैर इरादतन हत्या के अपराध के लिए सजा सुनाई, जिसमें अधिकतम 10 साल की जेल की सजा है। एसपीपी ने कहा कि अदालत का विचार था कि अभियुक्त का आदिवासी व्यक्ति को मारने का इरादा नहीं था।
चोरी के शक में हुई थी मॉब लिंचिंग
अट्टापडी के एक आदिवासी व्यक्ति मधु को 22 फरवरी, 2018 को चोरी के आरोप में स्थानीय लोगों के एक समूह द्वारा पकड़े जाने, बांधने और पीटने के बाद पीट-पीट कर मार डाला गया था। दरअसल, लोगों के एक समूह ने मधु को जंगल से पकड़ कर अट्टापडी के एक छोटे से जंक्शन मुक्कली में परेड कराई। आरोप है कि इस दौरान उन लोगों ने उसको कई दफा पीटा और इस मारपीट से उसकी मौत हो गई।
आरोपियों ने जब मधु के साथ मारपीट की तो उस दौरान 16 लोग मौजूद थे। इन्हीं 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था और कहा गया था कि इन सब ने मधु को काफी पीटने के बाद पुलिस को सौंपा था। आदिवासी युवक को इसके बाद थाने के रास्ते में आए अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
अदालत ने मामले में 16 आरोपियों में से 13 को आईपीसी की धारा 304 II और आईपीसी और एससी/एसटी अधिनियम के विभिन्न अन्य प्रावधानों के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया। 14वें दोषी को आईपीसी की धारा 352 के तहत गंभीर उकसावे के अलावा हमले या आपराधिक बल के अपराध के लिए ही दोषी ठहराया गया, जिसमें तीन महीने तक की सजा या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।