Trump के टैरिफ का अमेरिकी बाजार पर डायरेक्ट असर, विकास दर पर पड़ेगा असर? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Trump Tariff War अमेरिकी शेयर बाजारों में जमकर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रही है। निवेशक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि ट्रंप का टैरिफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचाएगा। कारोबार की शुरुआत में ही एसएंडपी 500 4.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। थोड़ी ही देर में इसमें 3.4 प्रतिशत का उछाल देखा गया। यह एक ऐसी बढ़त थी।

टैरिफ वॉर के बीच सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में जमकर उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कारोबार की शुरुआत में यह गिरकर खुले, लेकिन जल्द ही इनमें 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। थोड़े समय बाद तेजी आई, लेकिन यह ज्यादा देर तक कायम नहीं रही और फिर से बाजार लाल निशान पर पहुंच गया।
दरअसल, निवेशक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि ट्रंप का टैरिफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचाएगा। कारोबार की शुरुआत में ही एसएंडपी 500 4.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। थोड़ी ही देर में इसमें 3.4 प्रतिशत का उछाल देखा गया। यह एक ऐसी बढ़त थी, जिसे सालों बाद बाजार के लिहाज से सबसे अच्छा दिन माना जाता है।
हालांकि 10.30 तक इसमें 1.3 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। इसी तरह, डाउ जोन्स इंडस्टि्रयल जहां 736 अंक या 1.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट ने 1.3 प्रतिशत की कमी के साथ कारोबार शुरू किया। थोड़ी देर में इनमें तीव्र उलटफेर हुआ और डाउ 1,700 अंकों की गिरावट से उबरकर 900 अंकों की बढ़त पर पहुंच गया। यह तीव्र उतार-चढ़ाव तब देखने को मिल रहा है जब बाजार यह उम्मीद लगाए है कि ट्रंप अपने सख्त टैरिफ में ढील दे सकते हैं।
विकास दर पर पड़ेगा असर
जेपी मार्गन सीईओजेपी मार्गन के सीईओ जेमी डिमन ने सोमवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि हालिया टैरिफ से मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है और कई लोग मंदी की अधिक संभावना पर विचार कर रहे हैं। टैरिफ की सूची मंदी का कारण बनेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल बना हुआ है, लेकिन इससे विकास दर पर असर जरूर पड़ेगा।
विशेषज्ञ ट्रंप के टैरिफ को वैश्वीकरण पर हमला बता रहे हैं। उनका मानना है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को बनाने में अमेरिका का बड़ा योगदान है। बाजार में उथल-पुथल के बीच निवेशकों को यह उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व नायकों की एक तरह एक बार फिर सामने आएगा। दरअसल, फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 2008 के वित्तीय संकट, 2020 के कोरोना क्रैश से उबारने में मदद की थी।
दरअसल, निवेशक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि ट्रंप का टैरिफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचाएगा। कारोबार की शुरुआत में ही एसएंडपी 500 4.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। थोड़ी ही देर में इसमें 3.4 प्रतिशत का उछाल देखा गया। यह एक ऐसी बढ़त थी, जिसे सालों बाद बाजार के लिहाज से सबसे अच्छा दिन माना जाता है।
हालांकि 10.30 तक इसमें 1.3 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। इसी तरह, डाउ जोन्स इंडस्टि्रयल जहां 736 अंक या 1.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट ने 1.3 प्रतिशत की कमी के साथ कारोबार शुरू किया। थोड़ी देर में इनमें तीव्र उलटफेर हुआ और डाउ 1,700 अंकों की गिरावट से उबरकर 900 अंकों की बढ़त पर पहुंच गया। यह तीव्र उतार-चढ़ाव तब देखने को मिल रहा है जब बाजार यह उम्मीद लगाए है कि ट्रंप अपने सख्त टैरिफ में ढील दे सकते हैं।
विकास दर पर पड़ेगा असर
जेपी मार्गन सीईओजेपी मार्गन के सीईओ जेमी डिमन ने सोमवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि हालिया टैरिफ से मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है और कई लोग मंदी की अधिक संभावना पर विचार कर रहे हैं। टैरिफ की सूची मंदी का कारण बनेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल बना हुआ है, लेकिन इससे विकास दर पर असर जरूर पड़ेगा।
विशेषज्ञ ट्रंप के टैरिफ को वैश्वीकरण पर हमला बता रहे हैं। उनका मानना है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को बनाने में अमेरिका का बड़ा योगदान है। बाजार में उथल-पुथल के बीच निवेशकों को यह उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व नायकों की एक तरह एक बार फिर सामने आएगा। दरअसल, फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 2008 के वित्तीय संकट, 2020 के कोरोना क्रैश से उबारने में मदद की थी।