Deep Tech के लिए वित्त मंत्री ने की फंड्स ऑफ फंड्स की घोषणा, जानें ये क्या होता है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में एआई और डीप टेक को बढ़ावा देने की घोषणा की। उन्होंने AI एजुकेशन के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस की स्थापना की घोषणा की। सरकार ने इस पहल के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इसका लक्ष्य एजुकेशन सेक्टर में AI रिसर्च और इसके एप्लिकेशन को आगे बढ़ाना है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप टेक इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल पेश की गई हैं। जो एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर बनने के भारत की महत्वाकांक्षा को मजबूत करती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2047 तक विकसित भारत के इंडिया के लॉन्ग-टर्म विजन के साथ, स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए एजुकेशन के लिए AI में एक सेंटर ऑफ एक्सलेंस और एक डीप टेक फंड स्थापित करने की घोषणा की।
AI-ड्रिवेन ग्रोथ पर सरकार के फोकस के हिस्से के रूप में, एजुकेशन के लिए AI में नया सेंटर ऑफ एक्सलेंस 500 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ स्थापित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य AI को लर्निंग में इंटीग्रेट करना, एजुकेशनल आउटकम्स को इम्प्रूव करना और स्टूडेंट्स को फ्यूचर-रेडी स्किल्स से लैस करना है।
क्या होता है डीप टेक?
डीप टेक्नोलॉजी, या डीप टेक, किसी न किसी तरह के सॉलिड साइंटिफिक या इंजीनियरिंग इनोवेशन पर बेस्ड एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज को संबोधित करता है। ये इनोवेशन डीप होते हैं क्योंकि, ये किसी कॉम्प्लेक्स चैलेंज या मुद्दे का काफी एडवांस्ड आंसर होते हैं। डीप-टेक ब्रेकथ्रू के उदाहरणों में जीनोमिक्स, रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी और रिसर्च लैब्स और एकेडेमिया से आने वाले क्लीन एनर्जी इनिशिएटिव शामिल हैं।
डीप टेक एक दशकों पुराना शब्द है, जिसका इस्तेमाल पहले सामान्य रूप से किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेटेड टेक्नोलॉजी के बारे में बताने के लिए किया जाता था। हालांकि, पिछले दशक में, डीप टेक ने ज्यादा सटीक अर्थ मिला है।
डीप-टेक स्टार्टअप्स और कंपनियां टेक्नोलॉजी और प्रोसेसे के जरिए कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम्स का जवाब देने की कोशिश करती हैं, जिनके लिए आमतौर पर महत्वपूर्ण टे्क्निकल एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में लंबी रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) साइकल्स की जरूरत होती है। डीप टेक को आमतौर पर डेवलपमेंट प्रोसेस के दौरान पर्याप्त पूंजी निवेश की भी जरूरत होती है।
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से आई टिप्पणी
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसिडेंट, पुनीत चंडोक ने AI और टेक्नोलॉजी के लिए सरकार के प्रयास का स्वागत किया। उन्होंने कहा, टकेंद्रीय बजट 2025 में AI और टेक्नोलॉजी के साथ 2047 तक विकसित भारत बनाने के सरकार के विजन को देखकर खुशी हो रही है।' उन्होंने AI के अवसरों का लाभ उठाने और ग्लोबली प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए भारत के युवा कार्यबल को ट्रेन करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
माइक्रोसॉफ्ट पहले से ही इंडिया के AI इकोसिस्टम में निवेश कर रहा है, हाल ही में क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी ने 2026 तक 500,000 स्टूडेंट्स, एजुकेटर्स और महिला उद्यमियों को स्किल करने के लिए IndiaAI के साथ भी भागीदारी की है, जो 2030 तक 10 मिलियन भारतीयों को AI स्किल्स में प्रशिक्षित करने के अपने व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।
बजट में एक डीप टेक फंड ऑफ फंड्स पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य AI, सेमीकंडक्टर्स, रोबोटिक्स और दूसरी उभरती टेक्नोलॉजीज में नेक्स्ट-जेनरेशन स्टार्टअप्स को सपोर्ट करना है। चंडोक ने AI की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा: 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि AI में बोर्डरूम से लेकर क्लासरूम तक, कॉमर्स से लेकर कम्युनिटीज तक, और फाइनेंस से लेकर किसानों तक भारतीय समाज के हर सेक्टर को बदलने की क्षमता है।'