अब आसान नहीं सिम खरीदना! आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी; सरकार ने दिया आदेश
New SIM Card Rules पीएमओ ने टेलीकॉम विभाग को एक जरूरी निर्देश दिया है। इसके अनुसार नए सिम कार्ड कनेक्शनों के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया अनिवार्य हो गई है। रिटेलर्स को बिना वेरिफिकेशन सिम बेचने से साफ मना किया गया है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। नए नियमों में और भी कई चीजें शामिल हैं।

नया सिम कार्ड खरीदने की प्रक्रिया अब थोड़ी मुश्किल होने वाली है। हाल ही में पीएमओ की तरफ से डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) को सिम कार्ड खरीदने को लेकर जरूरी निर्देश दिया गया है। अब नया सिम कार्ड कनेक्शन लेने के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया अनिवार्य हो गई है।
फ्रॉड और क्रिमिनल एक्टिविटी के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इन नियमों के लागू होने से फर्जी डॉक्युमेंट के जरिये सिम खरीदना मुश्किल हो जाएगा। इन नियमों में क्या बताया गया है। आइए जानते हैं।
नई Sim के लिए वेरिफिकेशन जरूरीपहले नया सिम खरीदने की प्रक्रिया आसान थी। यूजर्स को नया सिम लेने के लिए आधार कार्ड या पासपोर्ट जैसा कोई भी सरकारी डॉक्युमेंट देना होता था। लेकिन नए नियमों के तहत सिम एक्टिव करवाने के लिए आधार बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाना जरूरी होगा। रिटेलर्स को साफतौर पर बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिम बेचने से मना किया गया है। अगर कोई रिटेलर बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के सिम बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
नकली सिम पर सरकार की नकेल
DoT के द्वारा यह फैसला हाल ही में हुई मीटिंग के बाद लिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक ही नाम से कई सिम रजिस्टर होते हैं, जो टेलीकॉम नियमों का उल्लघंन करते हैं। साथ ही साइबर स्कैम से जुड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इन पर कार्रवाई करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। पीएमओ ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कहा है कि अपराधियों की पहचान करने के लिए वह एआई की मदद ले। साथ में एजेंसियों के साथ मिलकर काम करे।
साइबर अपराध की रोकथाम
नया आदेश साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार के नियमों का ही हिस्सा है। आधार बेस्ड वेरिफिकेशन को लागू करने से अनवेरिफाइड मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके की गई धोखाधड़ी को पकड़ना आसान हो जाएगा।
संचार साथी पोर्टल की सर्विस

संचार साथी पोर्टल पर अनेकों तरह की सर्विस मिलती हैं। जिनका आप फायदा उठा सकते हैं। इसके जरिये साइबर फ्रॉड व ठगी के मामलों की शिकायत की जा सकती है। संचार साथी पोर्टल पर की गई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होती है। अगर आपका फोन चोरी हो जाता है तो इस पोर्टल के जरिये उसे ब्लॉक भी किया जा सकता है। इस पोर्टल का मकसद स्कैम पर लगाम लगाना है।
फ्रॉड और क्रिमिनल एक्टिविटी के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इन नियमों के लागू होने से फर्जी डॉक्युमेंट के जरिये सिम खरीदना मुश्किल हो जाएगा। इन नियमों में क्या बताया गया है। आइए जानते हैं।
नई Sim के लिए वेरिफिकेशन जरूरीपहले नया सिम खरीदने की प्रक्रिया आसान थी। यूजर्स को नया सिम लेने के लिए आधार कार्ड या पासपोर्ट जैसा कोई भी सरकारी डॉक्युमेंट देना होता था। लेकिन नए नियमों के तहत सिम एक्टिव करवाने के लिए आधार बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाना जरूरी होगा। रिटेलर्स को साफतौर पर बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिम बेचने से मना किया गया है। अगर कोई रिटेलर बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के सिम बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
नकली सिम पर सरकार की नकेल
DoT के द्वारा यह फैसला हाल ही में हुई मीटिंग के बाद लिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक ही नाम से कई सिम रजिस्टर होते हैं, जो टेलीकॉम नियमों का उल्लघंन करते हैं। साथ ही साइबर स्कैम से जुड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इन पर कार्रवाई करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। पीएमओ ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कहा है कि अपराधियों की पहचान करने के लिए वह एआई की मदद ले। साथ में एजेंसियों के साथ मिलकर काम करे।
साइबर अपराध की रोकथाम
नया आदेश साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार के नियमों का ही हिस्सा है। आधार बेस्ड वेरिफिकेशन को लागू करने से अनवेरिफाइड मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके की गई धोखाधड़ी को पकड़ना आसान हो जाएगा।
संचार साथी पोर्टल की सर्विस

संचार साथी पोर्टल पर अनेकों तरह की सर्विस मिलती हैं। जिनका आप फायदा उठा सकते हैं। इसके जरिये साइबर फ्रॉड व ठगी के मामलों की शिकायत की जा सकती है। संचार साथी पोर्टल पर की गई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होती है। अगर आपका फोन चोरी हो जाता है तो इस पोर्टल के जरिये उसे ब्लॉक भी किया जा सकता है। इस पोर्टल का मकसद स्कैम पर लगाम लगाना है।