सुस्त पड़ी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ; माइनिंग-मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन का दिखा असर

 सुस्त पड़ी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ; माइनिंग-मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन का दिखा असर


अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.6 प्रतिशत थी। इसी तरह बिजली उत्पादन में उत्पादन वृद्धि दर एक साल पहले के 20.4 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत रह गई। कैपिटल गुड्स की वृद्धि दर अक्टूबर 2024 में घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले इसी अवधि में 21.7 प्रतिशत थी।

अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई।

 खनन, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन के चलते अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि सालाना आधार पर नरम पड़कर 3.5 प्रतिशत रह गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 में आइआइपी में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।


हालांकि, क्रमिक आधार पर अक्टूबर, 2024 में कारखाना उत्पादन सितंबर के 3.1 प्रतिशत से बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गया। इस साल अगस्त में 0.1 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-अक्टूबर में आईआईपी के संदर्भ में मापा गया कारखाना उत्पादन में वृद्धि एक साल पहले के सात प्रतिशत के मुकाबले चार प्रतिशत रही। आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खनन उत्पादन की वृद्धि एक साल पहले के 13.1 प्रतिशत विस्तार से घटकर 0.9 प्रतिशत रह गई।

अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.6 प्रतिशत थी। इसी तरह, बिजली उत्पादन में उत्पादन वृद्धि दर एक साल पहले के 20.4 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत रह गई।

कैपिटल गुड्स की वृद्धि दर अक्टूबर, 2024 में घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 21.7 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं में अक्टूबर, 2024 में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है।



आंकड़ों से यह भी पता चला कि प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस वर्ष अक्टूबर में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी माह में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि इस साल अक्टूबर में घटकर 3.5 प्रतिशत रह गई।

इसका मुख्य कारण खनन, बिजली और विनिर्माण क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाला कारखाना उत्पादन पिछले साल इसी महीने में 11.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश का औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर, 2024 में 3.5 प्रतिशत बढ़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अक्टूबर, 2024 में 4.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

अक्टूबर, 2024 में खनन उत्पादन में 0.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई। अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में, आईआईपी में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन सात प्रतिशत बढ़ा था।

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