देश को 2030 तक एक लाख कंपनी सेकेटरी की जरूरत होगी

 देश को 2030 तक एक लाख कंपनी सेकेटरी की जरूरत होगी


एक बातचीत में नरसिम्हन ने कहा कि आइसीएसआई प्रत्येक साल 2500 से अधिक लोगों को सदस्यता देता है। अनुमानों के अनुसार भारत के 2030 तक सात ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। इस बीच अधिक युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए संस्थान ने कंपनी सेकेटरी कार्यकारी कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर का सीधी पंजीकरण भी शुरू किया है।

कंपनी सेकेटरी भारत को दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 कॉरपोरेट गवर्नेंस पर बढ़ते फोकस के चलते भारत को 2030 तक लगभग एक लाख कंपनी सेकेटरी की जरूरत होगी। वर्तमान में 73,000 से अधिक कंपनी सेकेटरी हैं, लेकिन इनमें से केवल 12,000 ही कार्यरत हैं। इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेकेटरी (आइसीएसआई) के प्रेसिडेंट बी नरसिम्हन ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था के बारे में जिस तरह से सोचा जाता है, उसमें एक बड़ा बदलाव आया है और कंपनी सेकेटरी अनिवार्य रूप से भारत को दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

एक बातचीत में नरसिम्हन ने कहा कि आइसीएसआइ प्रत्येक साल 2,500 से अधिक लोगों को सदस्यता देता है। अनुमानों के अनुसार, भारत के 2030 तक सात ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। इस बीच, अधिक युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए संस्थान ने कंपनी सेकेटरी कार्यकारी कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर का सीधी पंजीकरण भी शुरू किया है।

इसके अलावा, आइसीएआई ने कारपोरेट बोर्ड में अपनाई जाने वाली कंपनी सेकेटरी स्टैंडर्ड में एकरूपता लाने की भी शुरुआत की है।

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