Repo Rate को लेकर RBI गर्वनर बोले- मौजूदा मुद्रास्फीति में बदलाव का सवाल नहीं
Shaktikanta Das ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति और आरबीआई द्वारा इसे चार प्रतिशत रखने के लक्ष्य के अंतर को देखें तो रेपो रेट को बदलने का सवाल समय से पहले पूछे जाने वाला प्रश्न है। RBI ने जून की द्विमासिक रिपोर्ट में कहा था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

Repo Rate को लेकर RBI गवर्नर का बयान सामने आया है।
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति के स्तर को देखें तो नीतिगत दरों (रेपो रेट) में परिवर्तन करने का फैसला अभी करना संभव नहीं है।
रेपो रेट को लेकर मिला ये जवाब
दास ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति और आरबीआई द्वारा इसे चार प्रतिशत रखने के लक्ष्य के अंतर को देखें तो रेपो रेट को बदलने का सवाल समय से पहले पूछे जाने वाला प्रश्न है। जब चार प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति लगातार कुछ महीनों तक रहेगी तभी हमें अपने रुख में बदलाव के बारे में सोचने का आत्मविश्वास मिलेगा।
RBI ने जून की द्विमासिक रिपोर्ट में क्या कहा था?
RBI ने जून की द्विमासिक रिपोर्ट में कहा था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि तिमाही वार अनुमान में पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सरकार ने आरबीआइ को 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने को कहा है। आपको बता दें कि मौद्रिक नीति पर कोई फैसला लेते समय आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति के स्तर को देखें तो नीतिगत दरों (रेपो रेट) में परिवर्तन करने का फैसला अभी करना संभव नहीं है।
रेपो रेट को लेकर मिला ये जवाब
दास ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मौजूदा मुद्रास्फीति और आरबीआई द्वारा इसे चार प्रतिशत रखने के लक्ष्य के अंतर को देखें तो रेपो रेट को बदलने का सवाल समय से पहले पूछे जाने वाला प्रश्न है। जब चार प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति लगातार कुछ महीनों तक रहेगी तभी हमें अपने रुख में बदलाव के बारे में सोचने का आत्मविश्वास मिलेगा।
RBI ने जून की द्विमासिक रिपोर्ट में क्या कहा था?
RBI ने जून की द्विमासिक रिपोर्ट में कहा था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि तिमाही वार अनुमान में पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सरकार ने आरबीआइ को 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने को कहा है। आपको बता दें कि मौद्रिक नीति पर कोई फैसला लेते समय आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।