चाय उत्पादन में आ सकती है कमी, जून तक 60 मिलियन किलोग्राम की कमी आने का है अनुमान
Tea Production इस साल भीषण गर्मी और कम बारिश का असर चाय के उत्पादन पर पड़ रहा है। चाय निकाय के अनुसार जून तक चाय के उत्पादन में 60 मिलियन किलोग्राम की कमी आने का अनुमान है। त्तर भारतीय चाय उद्योग में सम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल है। इन राज्य में बारिश नहीं हो रही है जिस वजह से चाय का उत्पादन सही से नहीं हो रहा है।

एक चाय निकाय ने अनुमान जताया है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति न होने की वजह से उत्तर भारतीय चाय उद्योग को चालू फसल वर्ष के जून तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 60 मिलियन किलोग्राम उत्पादन की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
चाय इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि पहली और दूसरी फ्लश फसल खराब हो गई है। ऐसे में इस साल उच्चतम गुणवत्ता वाली चाय का उत्पादन में कमी आ सकती है। चाय के उत्पादन (Tea Production) में कमी आने की वजह से चाय की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
उत्तर भारतीय चाय उद्योग में सम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल है। इस राज्य में बारिश नहीं हो रही है। भीषण गर्मी की वजह से चाय का प्रोडक्शन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

इस साल कम हो सकता है चाय का उत्पादन
टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAI) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया का अनुमान है कि पिछले साल के उत्पादन की तुलना में जून तक संयुक्त फसल नुकसान 60 मिलियन किलोग्राम होने का अनुमान है।
संदीप सिंघानिया ने कहा
जैसा कि एसोसिएशन के सदस्य चाय बागानों द्वारा बताया गया है कि असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागान पिछले साल की तुलना में मई 2024 के दौरान क्रमशः लगभग 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत पीछे रहने का अनुमान है। आईएमडी (IMD) के आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल के प्रमुख चाय उत्पादक जिलों में इस अवधि की सामान्य वर्षा की तुलना में 50 से 80 प्रतिशत और असम में 10 से 30 प्रतिशत के बीच काफी कम वर्षा हुई है।
इसके आगे सिंघानिया ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सामान्य से 15-66 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि असम में महीने के औसत की तुलना में 3-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अत्यधिक बारिश के साथ-साथ दिन के दौरान व्यावहारिक रूप से कोई धूप नहीं होने के कारण दोनों राज्यों में फसल उत्पादन में बाधा आई है।
भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल 2024 तक असम में उत्पादन में लगभग 8 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आई है।
चाय इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि पहली और दूसरी फ्लश फसल खराब हो गई है। ऐसे में इस साल उच्चतम गुणवत्ता वाली चाय का उत्पादन में कमी आ सकती है। चाय के उत्पादन (Tea Production) में कमी आने की वजह से चाय की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
उत्तर भारतीय चाय उद्योग में सम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल है। इस राज्य में बारिश नहीं हो रही है। भीषण गर्मी की वजह से चाय का प्रोडक्शन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

इस साल कम हो सकता है चाय का उत्पादन
टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAI) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया का अनुमान है कि पिछले साल के उत्पादन की तुलना में जून तक संयुक्त फसल नुकसान 60 मिलियन किलोग्राम होने का अनुमान है।
संदीप सिंघानिया ने कहा
जैसा कि एसोसिएशन के सदस्य चाय बागानों द्वारा बताया गया है कि असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागान पिछले साल की तुलना में मई 2024 के दौरान क्रमशः लगभग 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत पीछे रहने का अनुमान है। आईएमडी (IMD) के आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल के प्रमुख चाय उत्पादक जिलों में इस अवधि की सामान्य वर्षा की तुलना में 50 से 80 प्रतिशत और असम में 10 से 30 प्रतिशत के बीच काफी कम वर्षा हुई है।
इसके आगे सिंघानिया ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सामान्य से 15-66 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि असम में महीने के औसत की तुलना में 3-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अत्यधिक बारिश के साथ-साथ दिन के दौरान व्यावहारिक रूप से कोई धूप नहीं होने के कारण दोनों राज्यों में फसल उत्पादन में बाधा आई है।
भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल 2024 तक असम में उत्पादन में लगभग 8 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आई है।