विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। आरबीआई ने कहा कि फॉरेंन यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए पेमेंट ऑप्शन का विस्तार किया गया है।
आरबीआई ने कहा कि विदेशों में एटीएम, पीओएस मशीनों और ऑनलाइन व्यापारियों के उपयोग के लिए भारत में बैंकों द्वारा रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है।
विश्व स्तर पर RuPay कार्ड को मिलेगी स्वीकृति
RuPay डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड का उपयोग भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है। गवर्नर ने कहा कि इन उपायों से विश्व स्तर पर रूपे कार्ड की पहुंच और स्वीकृति को विस्तार मिलेगा।
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आरबीआई का यह निर्णय उस वक्त आया जब भारत में बैंकों द्वारा जारी किए गए RuPay डेबिट और क्रेडिट कार्ड के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय कार्ड योजनाओं के साथ को-बैजिंग व्यवस्था के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त करने के मद्देनजर आया है।
आरबीआई का यह निर्णय उस वक्त आया जब भारत में बैंकों द्वारा जारी किए गए RuPay डेबिट और क्रेडिट कार्ड को द्विपक्षीय व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय कार्ड योजनाओं के कारण अंतराष्ट्रीय स्वीकृति मिल रही है।
BBPS की दक्षता और भागीदारी को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य
मौद्रिक नीति के फैसले को बाताने के दौरान गवर्नर ने कहा कि भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) एक 'कभी भी कहीं भी' बिल भुगतान प्लेटफॉर्म है जो अगस्त 2017 से चालू है। वर्तमान में, BBPS ने 20,500 से अधिक बिलर्स को ऑनबोर्ड किया है और हर महीने 9.8 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन करता है।
बीबीपीएस सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, बीबीपीएस में ऑनबोर्डिंग ऑपरेटिंग यूनिट्स के लिए लेनदेन और सदस्यता मानदंड की प्रक्रिया प्रवाह को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
नॉन बैंकिंग कंपनियां जारी कर पाएंगी e-Rupi
शक्तिकांत दास ने आज Rupay फॉरेक्स कार्ड के अलावा ई-रुपी वाउचर को लेकर भी एक बड़ी जानकारी दी है। गवर्नर ने कहा कि ई-रुपी वाउचर के दायरे को बढ़ाने के लिए अब बैंकों के अलावा नॉन बैंकिंग कंपनियां भी ई-रुपी वाउचर को जारी कर सकेंगी।
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आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि e-RUPI वाउचर्स के इश्यूएंस और रिडेंपशन आदि जैसे प्रोसेस आसान बनाने की बात कही है। आपको बता दें कि इन बदलावो से ई-रूपी डिजिटल वाउचर के लाभों को यूजर्स के बड़े ग्रुप तक पहुंचाना आसान हो जाएगा।