केंद्र सरकार ने राज्यों से दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घटिया हेलमेट बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। उपभोक्ता मामले विभाग और बीआईएस ने बीआईएस प्रमाणित हेलमेट का उपयोग करने की अपील की है। विभाग ने बीआईएस प्रमाणन के बिना हेलमेट के निर्माण या बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घटिया हेलमेट बेचने वाले निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने देशभर के उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे केवल बीआईएस प्रमाणित हेलमेट का उपयोग करें।
विभाग ने बीआईएस प्रमाणन के बिना हेलमेट के निर्माण या बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा। विभाग ने कहा कि भारतीय सड़कों पर 21 करोड़ से ज्यादा दोपहिया वाहन हैं। इसलिए यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। साथ ही मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
176 निर्माताओं के पास वैध बीआईएस लाइसेंस
घटिया हेलमेट की बिक्री से यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित होती है। 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू है, जिसके तहत सभी दोपहिया सवारों के लिए बीआईएस मानकों के तहत प्रमाणित और आईएसआई चिह्नित हेलमेट पहनना अनिवार्य है। जून 2025 तक पूरे भारत में 176 निर्माता हैं, जिनके पास सुरक्षात्मक हेलमेट के लिए वैध बीआईएस लाइसेंस हैं।
विभाग ने पाया है कि सड़क किनारे बेचे जाने वाले कई हेलमेट में अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन की कमी है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ा जोखिम पैदा होता है और सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है। गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए बीआईएस नियमित रूप से कारखाने और बाजार की निगरानी करता है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान 500 से अधिक हेलमेट के नमूनों का परीक्षण किया गया और बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग की जांच के लिए 30 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए गए। दिल्ली में एक अभियान के दौरान नौ निर्माताओं से 2,500 से अधिक हेलमेट जब्त किए गए, जिनके लाइसेंस समाप्त हो चुके थे या रद कर दिए गए थे। 17 खुदरा विक्रेताओं और सड़क किनारे से लगभग 500 घटिया हेलमेट जब्त किए गए।